हरनौत (नालंदा दर्पण)। हरनौत प्रखंड अंतर्गत तेलमर थाना क्षेत्र में पैक्स चुनाव से ठीक एक दिन पहले हुई गोलीबारी की घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। तेलमर थाना क्षेत्र के नूर नगर गांव में बीते देर शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब दो युवकों पर नाम पूछकर गोली चलाई गई।
इस हमले में राकेश कुमार और रौशन कुमार नामक दो युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घायलों में से राकेश कुमार को बिहारशरीफ सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि रौशन कुमार की स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें पटना के पीएमसीएच रेफर किया गया है।
घटना के वक्त राकेश कुमार और रौशन कुमार खेत में सिंचाई (पटवन) कर रहे थे। तभी हमलावरों ने अचानक खेत में आकर उनका नाम पूछते हुए उन पर गोली चला दी। हमले में शामिल प्रमुख आरोपी के रूप में राम नारायण प्रसाद के बेटे मुन्ना सिंह का नाम सामने आया है। स्थानीय लोगों के अनुसार राम नारायण प्रसाद पिछले चार टर्म से पैक्स चुनाव जीतते आ रहे हैं और इस बार भी चुनावी माहौल गरमाया हुआ था।
जख्मी राकेश कुमार का दावा है कि यह हमला पूरी तरह से चुनावी रंजिश से प्रेरित था। उनके अनुसार बुधवार को होने वाले हरनौत के पाकड़ पंचायत के चुनाव को लेकर लोगों में दहशत फैलाने के उद्देश्य से यह गोलीबारी की गई। ताकि लोग डर के कारण वोट देने से कतराएं।
राकेश का कहना है कि वे खेत में काम कर रहे थे। तभी अचानक नाम पूछकर हम पर गोली चला दी गई। यह सब चुनाव से पहले लोगों को डराने के लिए किया गया है।
हालांकि, तेलमर थाना पुलिस ने चुनावी रंजिश से इन्कार किया है। इस घटना को दो पक्षों के बीच पहले से चले आ रहे विवाद का नतीजा बताया है। बकौल पुलिस, यह आपसी दुश्मनी का मामला है और गोलीबारी का कारण निजी विवाद है।
पुलिस ने घटना के तुरंत बाद कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में राम नारायण, नवल किशोर और उनके समर्थकों पर मारपीट और गोलीबारी के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने मौके से चार खोखे भी बरामद किए हैं, जो घटना की गंभीरता को दर्शाते हैं।
घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शिव शरण, राजीव कुमार और शंभू शरण सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
इस घटना के बाद नूर नगर गांव और आसपास के क्षेत्रों में डर और तनाव का माहौल है। चुनाव से एक दिन पहले इस तरह की घटना ने पंचायत चुनावों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि चुनावी रंजिश का यह मामला लोगों को भयभीत करने के लिए अंजाम दिया गया है। ताकि वे अपने मताधिकार का सही ढंग से प्रयोग न कर सकें।
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि उनके गांव में ऐसी हिंसा पहले भी हुई है, लेकिन चुनाव से ठीक पहले इस तरह की घटना ने डरा दिया है। डर है कि कहीं यह हिंसा चुनाव के दिन और न बढ़ जाए।
पुलिस प्रशासन पर अब इस मामले को निष्पक्ष रूप से सुलझाने और चुनावी माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने की बड़ी जिम्मेदारी है। चुनाव से पहले इस तरह की हिंसा प्रशासन की चुनावी तैयारियों पर भी सवाल खड़े करती है। फिलहाल पुलिस का दावा है कि वे स्थिति पर नियंत्रण कर रहे हैं और जल्द ही सभी दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि चुनाव के दिन माहौल कैसा रहता है और क्या इस घटना का चुनावी प्रक्रिया पर कोई असर पड़ता है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन निष्पक्ष जांच करेगा और दोषियों को सजा दिलाएगा, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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