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मुखिया और पूर्व अध्यक्ष ने नवनिर्वाचित पैक्स अध्यक्ष को गोली मारी, पुत्र की भी गंभीर पिटाई

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The chief and the former president shot the newly elected PACS president, his son was also severely beaten up
The chief and the former president shot the newly elected PACS president, his son was also severely beaten up

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत के मैघी नगमा पंचायत से नवनिर्वाचित पैक्स अध्यक्ष शिव चरण पर चुनाव जीतने के कुछ ही घंटों बाद एक जानलेवा हमला हुआ। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। मतगणना के बाद विजयी घोषित शिव चरण अपने परिवार और समर्थकों के साथ जीत का जश्न मना रहे थे। लेकिन जश्न का यह माहौल जल्द ही एक भयावह मंजर में बदल गया, जब करीब 50 हथियारबंद बदमाशों ने उन पर अचानक हमला कर दिया।

चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद शिव चरण अपने परिवार के साथ स्थानीय देव स्थल पर आशीर्वाद लेने गए थे। जैसे ही वे घर लौटे, उन पर घात लगाकर हमला किया गया। हमलावरों ने शिव चरण को निशाना बनाते हुए गोली चला दी। जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए।

इस जानलेवा हमले में उनके बेटे को भी नहीं बख्शा गया। जिन्हें लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा गया। हमले के बाद दोनों को गंभीर हालत में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों ने शिव चरण की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें उच्चस्तरीय चिकित्सा केंद्र में रेफर कर दिया।

घटना के बाद शिव चरण की पत्नी सरस्वती देवी ने मैघी नगमा पंचायत के मुखिया और पूर्व पैक्स अध्यक्ष पर सीधे तौर पर हमले में शामिल होने का आरोप लगाया है। सरस्वती देवी का कहना है कि उनके पति की जीत से बौखलाकर यह हमला किया गया है। जिसमें राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता एक प्रमुख कारण है। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि इस हमले की गहनता से जांच की जाए और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।

दीपनगर थाना पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है। पुलिस का कहना है कि हमलावर घटनास्थल से फरार हो गए हैं। लेकिन उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। फिलहाल इस घटना ने पंचायत चुनावों में व्याप्त हिंसा और राजनीतिक टकराव की गहरी समस्याओं को उजागर किया है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही इस मामले को सुलझाने के करीब होंगे।

यह घटना पंचायत चुनावों में बढ़ती हिंसा और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का एक और उदाहरण है। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर चुनावी जीत-हार को व्यक्तिगत दुश्मनी और सत्ता की लड़ाई के रूप में देखा जाता है। जिसका खामियाजा नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को भुगतना पड़ता है। शिव चरण पर हुए इस हमले से यह साफ है कि सत्ता के लिए संघर्ष किस हद तक पहुंच सकता है। इस घटना से मैघी नगमा पंचायत के लोग भय और आक्रोश में हैं।

स्थानीय निवासियों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और कहा कि पंचायत चुनावों में इस तरह की हिंसा से लोकतंत्र की जड़ें कमजोर होती हैं। एक ग्रामीण ने बताया कि हमारे क्षेत्र में यह पहली बार नहीं हुआ है कि चुनाव के बाद हिंसा हुई हो। प्रशासन को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आगे से ऐसी घटनाएं न हों।

फिलहाल शिव चरण की स्थिति गंभीर बनी हुई है और परिवार उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहा है। इस मामले में पुलिस और प्रशासन की भूमिका अब निर्णायक होगी। लोगों की नजरें इस बात पर हैं कि पुलिस कितनी जल्दी आरोपियों को पकड़ती है और क्या राजनीतिक दबाव के बावजूद मामले की निष्पक्ष जांच होती है।

वहीं इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ग्रामीण राजनीति में शांति और लोकतांत्रिक मूल्यों की वापसी संभव है या सत्ता की भूख इस तरह की हिंसा को और बढ़ावा देती रहेगी।

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