फीचर्डखोज-खबरनालंदाराजगीर

राजगीर ब्रह्मकुंड और सूर्यकुंड के बीच अधर में लटका एलिवेटेड पथ

ब्रह्मकुंड और सूर्यकुंड को जोड़ने वाला एलिवेटेड पथ राजगीर के लिए एक स्वप्निल परियोजना है, जो आस्था, संस्कृति और विकास का प्रतीक बन सकता है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस घोषणा को कब तक हकीकत में बदलती है।

राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार के ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी राजगीर ब्रह्मकुंड और सूर्यकुंड को जोड़ने वाला प्रस्तावित एलिवेटेड पथ (उन्नत मार्ग) आज भी केवल कागजों पर सिमटकर रह गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो वर्ष पूर्व मलमास मेला के उद्घाटन के दौरान इस महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुगम आवागमन प्रदान करना था। लेकिन घोषणा के बाद से अब तक इस दिशा में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है, जिससे स्थानीय लोग, तीर्थयात्री और पर्यटन व्यवसायी निराश हैं।

बता दें कि ब्रह्मकुंड और सूर्यकुंड राजगीर के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु मलमास मेला और अन्य अवसरों पर स्नान करने आते हैं। वर्तमान में दोनों कुंडों के बीच आवागमन के लिए तीर्थयात्रियों को वीरायतन रोड का सहारा लेना पड़ता है, जो मेला के दौरान भीड़भाड़ और जाम का कारण बनता है। इस एलिवेटेड पथ के निर्माण से न केवल यातायात की समस्या हल हो सकती है, बल्कि श्रद्धालुओं को दोनों कुंडों में स्नान करने में भी आसानी होगी।

बताया जाता है कि दोनों कुंडों को जोड़ने से तीर्थयात्री एक ही यात्रा में सभी कुंडों में स्नान कर सकेंगे, जिससे उनकी आस्था को बल मिलेगा। राजगीर पहले से ही एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, इस पथ के बनने से और आकर्षक हो जाएगा।

इससे मेला के दौरान होने वाली भीड़ और जाम की समस्या से निजात मिलेगी। यह परियोजना राजगीर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को और अधिक उजागर करेगी।

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद प्रारंभिक सर्वे और योजना तैयार करने की बातें सामने आई थीं। लेकिन तकनीकी स्वीकृति और बजट आवंटन में देरी के कारण यह परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई। सूत्रों के अनुसार परियोजना की लागत और निर्माण की जटिलताओं ने भी प्रगति को बाधित किया है।

राजगीर-तपोवेज तीर्थ रक्षक पंडा कमेटी के प्रवक्ता सुधीर कुमार उपाध्याय का कहना है कि अनुरोध पर मुख्यमंत्री जी ने इस ओवरब्रिज की घोषणा की थी। मलमास मेला के दौरान ब्रह्मकुंड में स्नान करने वाले श्रद्धालु वीरायतन रोड पर निकल जाते हैं और सूर्यकुंड में स्नान करने से वंचित रह जाते हैं। यह एलिवेटेड पथ दोनों कुंडों को जोड़ने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

स्थानीय निवासी, वार्ड पार्षद और दुकानदार इस परियोजना की सुस्ती को लेकर समय-समय पर अपनी चिंता जाहिर करते रहे हैं। राजगीर के एक दुकानदार रामप्रवेश कहते हैं कि यह पथ बनने से न केवल तीर्थयात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि हमारा व्यवसाय भी बढ़ेगा। लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण यह सपना अधूरा है।

वार्ड पार्षद अनिता देवी का कहना है कि राजगीर जैसे पर्यटन स्थल के लिए यह परियोजना गेम-चेंजर साबित हो सकती है। सरकार को इसे प्राथमिकता देनी चाहिए।

हालांकि सरकार ने इस परियोजना को मलमास मेला जैसे बड़े आयोजन के दौरान महत्व दिया, लेकिन धरातल पर प्रगति न होने से लोग इसे सरकारी उदासीनता का परिणाम मान रहे हैं।

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बजट और तकनीकी मंजूरी की प्रक्रिया में समय लग रहा है। उन्होंने आशा जताई कि जल्द ही इस दिशा में कदम कदम उठाए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

error: Content is protected !!