बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। ‘नालंदा दर्पण’ खबर का असर एक बार फिर देखने को मिला है। आखिर कार अपनी भद्द पिटवाकर चंडी सीओ और थानाध्यक्ष अनशनकारी महिला की सुध लेने पहुंचे।
उन दोनों के आश्वासन के बाद चार दिनों से अनशन पर बैठी महिला ने अपना अनशन तोड़ दी है। चंडी सीओ ने 4 नबंबर को गांव आकर खुद मंदिर परिसर में वृक्षारोपण करने का आश्वासन दिया।
बताते चलें कि चंडी प्रखंड के नरसंडा गांव मे राम-जानकी सेवा संस्थान की सचिव अपर्णा बाला अपने पूर्वजों की जमीन पर हरियाली मिशन को उतारना चाहती हैं।
लेकिन उनकी राह में उनके ही पड़ोसी और असमाजिक तत्व रोड़ा बना हुआ है। अपने ही पूर्वजों के बनाएं मंदिर को स्वच्छ बनाए रखने, उसे हरा भरा रूप देने के लिए मजदूर लगाई थी।
लेकिन जुआरियों को यह पसंद नहीं आ रहा है कि उनका अड्डा खत्म हो जाएं, इसलिए वे सभी इसका विरोध करते हैं। परिवार को धमकी देते आ रहे हैं। मजदूरों को धमकी देकर भगा देते हैं।
सचिव अपर्णा बाला ने जिले के सभी पदाधिकारियों सहित बिहार के सीएम नीतीश कुमार से गुहार लगाते हुए कहा कि एक ओर जल जीवन हरियाली को सरकार अग्रसर है वहीं दूसरी ओर असामाजिक तत्व इस कार्य में विघ्न डाल रहे हैं।
असमाजिक तत्वों की धमकी के बाद भूस्वामी अपर्णा बाला शनिवार से अनशन पर बैठी गईं।
उनका कहना था कि जबतक मंदिर परिसर से अतिक्रमण नहीं हटेगा और परिसर को स्वच्छ नही किया जाएगा, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। फिलहाल उनका अनशन चौथे दिन भी जारी था।
‘नालंदा दर्पण’ ने इस खबर को काफी प्राथमिकता दी। साथ ही चंडी के सीओ और थानाध्यक्ष के नकारेपन को भी उजागर किया।
खबर प्रसारण के बाद सीओ आंचल और थानाध्यक्ष ऋतुराज दोनों सोमवार की शाम गांव पहुंच कर महिला की सुध ली। उनसे सारी जानकारी हासिल की।
साथ ही सीओ आंचल ने भरोसा दिलाया कि वे खुद उनकी मुहिम का हिस्सा बनेंगे। सीओ और थानाध्यक्ष खुद चार नवंबर को मंदिर परिसर को हरा भरा रखनें के लिए अपने हाथों से वृक्षारोपण करेंगे।उनके आश्वासन के बाद अर्पणा बाला ने अपना अनशन तोड़ दी।
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