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हिलसा बड़ी दुर्गा मंदिर पूजा पंडाल में लगी आग से मचा अफरातफरी

हिलसा बड़ी दुर्गा मंदिर पूजा पंडाल में लगी आग की यह घटना न केवल हिलसा बाजार क्षेत्र बल्कि पूरे नालंदा जिले के लिए एक सबक है। दुर्गा पूजा जैसे बड़े आयोजनों में बिजली की व्यवस्था को लेकर लापरवाही कितनी खतरनाक हो सकती है। पंडालों में फायरप्रूफ सामग्री का इस्तेमाल, नियमित वायरिंग चेकअप और अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता अनिवार्य होनी चाहिए…

हिलसा (नालंदा दर्पण डेस्क)। नवरात्रि के पावन पर्व पर जहां पूरे बिहार में उत्साह का माहौल है, वहीं हिलसा में एक ऐसी अनहोनी घटना ने सभी को चौंका दिया। हिलसा थाना भवन के ठीक बगल में स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर के पूजा पंडाल में रात करीब 10 बजे अचानक बिजली शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। यह आग इतनी तेजी से फैली कि पंडाल का कपड़ा और सजावट का सामान जलकर राख हो गया, जिससे मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों में हड़कंप मच गया। सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन यह घटना सुरक्षा उपायों की अनदेखी पर सवाल उठा रही है।

घटना की शुरुआत रात के समय हुई जब पंडाल में पूजा-अर्चना चल रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पंडाल में लगी लाइटें और साउंड सिस्टम की वायरिंग में अचानक चिंगारी उठी और देखते-देखते धुआं पूरे इलाके में फैल गया। एक श्रद्धालु ने बताया कि हम सब मां दुर्गा की आरती कर रहे थे कि अचानक ऊपर से आग की लपटें गिरने लगीं। सब लोग चिल्लाने लगे और भागने लगे आग की लपटें इतनी विकराल थीं कि पंडाल का छत और दीवारें जलने लगीं, जिससे आसपास की दुकानों और घरों में भी दहशत फैल गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे।

लेकिन स्थानीय लोगों की सूझबूझ ने स्थिति को और बिगड़ने से रोका। घटना की जानकारी मिलते ही कुछ युवाओं ने तुरंत अग्निशमन विभाग और बिजली विभाग को फोन किया। हिलसा अग्निशमन केंद्र की टीम महज 15 मिनट में मौके पर पहुंची और स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर आग बुझाने का कार्य शुरू किया। बाल्टियों, पानी की बोतलों और उपलब्ध संसाधनों से आग पर काबू पाने की कोशिश की गई।

अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि शॉर्ट सर्किट से लगी आग थी, जो पंडाल की प्लास्टिक और कपड़े की सामग्री से तेजी से फैली। हमारी टीम ने फोम और पानी का इस्तेमाल कर आधे घंटे में आग पर पूरी तरह काबू पा लिया। इस दौरान पुलिस ने भी इलाके को घेरकर ट्रैफिक नियंत्रित किया और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

बिजली विभाग की टीम भी तुरंत हरकत में आई। जेई के अनुसार शॉर्ट सर्किट की मुख्य वजह पुरानी वायरिंग और ओवरलोडिंग बताई जा रही है। पर्व के दौरान लाइट्स और फैन की अधिकता से सर्किट ओवरलोड हो गया। हमने तुरंत सप्लाई काटी और पोल की मरम्मत शुरू कर दी। रात भर चले मरम्मत कार्य के बाद सुबह तक बिजली बहाल कर दी गई। विभाग ने पंडाल संचालकों को सुरक्षा मानकों का पालन करने की सलाह दी है।

बहरहाल, यह घटना न केवल हिलसा बल्कि पूरे नालंदा जिले के लिए एक सबक है। दुर्गा पूजा जैसे बड़े आयोजनों में बिजली की व्यवस्था को लेकर लापरवाही कितनी खतरनाक हो सकती है, यह स्पष्ट हो गया। विशेषज्ञों का मानना है कि पंडालों में फायरप्रूफ सामग्री का इस्तेमाल, नियमित वायरिंग चेकअप और अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता अनिवार्य होनी चाहिए। स्थानीय प्रशासन ने भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अभियान चलाने का ऐलान किया है।

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