नालंदा दर्पण डेस्क। गिरियक नगर पंचायत के वार्ड नंबर 8 और 9 वार्ड में उत्पन्न जल जमाव की समस्या के बीच परस्पर एक दूसरे टोला के लोग मरने काटने पर उतारू हो चुके हैं। यहां किसी भी समय अनहोनी होने की आशंका है। लोगों का कहना है कि तीन बार जदयू सांसद रह चुके कौशलेंद्र कुमार एक बार भी इधर देखने तक नहीं आए हैं। सीएम नीतीश कुमार के विकास की बात सिर्फ भाषणों में सुनने को मिलता है। गिरियक नगर पंचायत में कहीं पेयजल की गंभीर समस्या है तो कहीं जल जमाव से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है।
बता दें कि गिरियक नगर पंचायत के दो वार्ड के निवासियों के बीच नाले का पानी की निकासी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। दोनों वार्ड में नालियों का पानी घरों में घुसने से आक्रोशित लोगों ने विरोध जताया। में दोनों वार्ड पार्षदों द्वारा प्रशासन को कई बार लिखित रूप से समस्या से अवगत कराया है, लेकिन समस्याओं का निदान नहीं हो सका है। जिससे नगर पंचायत वासियों में काफ़ी नाराजगी है।
फिलहाल यह समस्या गिरियक नगर पंचायत के मुख्य रूप से वार्ड 8, 9 और 11 की बताई जा रही है। वार्ड नंबर 8 के मोहल्ले वासी एवं वार्ड पार्षद नीतू देवी ने बताया कि वार्ड के पासवान टोला में पइन अतिक्रमण के कारण वार्ड 8 एवं 9 के नाले का पानी घरों में प्रवेश कर रहा है। जिससे मोहल्ले वासियों को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी में जब नाले का यह हाल है तो बरसात में क्या होगा। इस पर जल्द कार्रवाई कर समस्या का निदान नहीं किया गया तो जल्द ही कई लोगों का घर गिर जायेगा और उन्हें बेघर होकर गली सड़कों पर रहने को विवश होना पड़ेगा।
वहीं वार्ड 9 के वार्ड पार्षद रानी कुमारी ने भी प्रशासन को आवेदन देकर अवगत कराया है कि वार्ड 8 के मोहल्ले वासियों के द्वारा वार्ड 9 के नाले के पानी को जाने से रोक लगा दिया गया है। जिससे यह समस्या उत्पन्न हुई है।
यहां के लोगों का कहना है कि इनका पानी बारगईयां पइन में गिरता है। लेकिन अतिक्रमण कर इस पइन को भर दिया गया है। जिससे पइन का पानी बहकर उनके खेतों में गिर रहा है और निकासी बंद है। गंदगी मोहल्ले में फ़ैल चुका है और घरों में गंदा पानी प्रवेश कर रहा है। इधर इस मोहल्ले के लोगों को कोई विकल्प नहीं मिला तो बांध लगाकर रोक लगा दिया गया है। जिससे समस्या और गंभीर हो गया है।
गौरतलब है कि बारगैइयाँ पइन पर काफी लोगों ने अतिक्रमण कर घर बना लिया गया है। सरकारी मापी के अनुसार इसकी काफ़ी चौड़ाई है, लेकिन अतिक्रमण किये जाने से रास्ता भी बंद हो गया है और पानी कि निकासी की समस्या लम्बे समय से बना है। कुछ पहले पइन की खुदाई कर समस्या का निदान करने का प्रशिक्षु आईएस खांडेकर ने इसे गंभीरता से लेते हुए अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया था और काफ़ी काम किया गया, लेकिन उनके जाने के बाद फिर अधर में लटक गया।
इधर इस संबंध में गिरियक अंचलाधिकारी सन्नी कुमार का कहना है कि इस संबंध में जानकारी मिली है। स्थल जांच में पाया गया कि तालाब एवं पइन में अतिक्रमण कर घर बना लिया गया है और शेष में कूड़े कचड़े डालकर भर दिया गया है। जिससे समस्या उत्पन्न हुई है। उड़ाही करवा कर जल्द इस समस्या का निदान कर लिया जायेगा।
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