Home शिक्षा बिहार में शिक्षकों को कोचिंग-ट्यूशन पढ़ाने और छात्रों को पढ़ने पर रोक

बिहार में शिक्षकों को कोचिंग-ट्यूशन पढ़ाने और छात्रों को पढ़ने पर रोक

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Government teachers are banned from giving coaching-tuition and teaching students
Government teachers are banned from giving coaching-tuition and teaching students

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। शिक्षा में सुधार और बच्चों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए बिहार शिक्षा विभाग लगातार नए कदम उठा रहा है। अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने ‘शिक्षा की बात’ कार्यक्रम के दौरान कई अहम आदेश जारी की।

उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी सरकारी शिक्षक निजी कोचिंग या प्राइवेट ट्यूशन नहीं पढ़ा सकते हैं। यदि कोई शिक्षक इस नियम का उल्लंघन करता है और चिह्नित होता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल समय में कोचिंग पर प्रतिबंधः शिक्षा विभाग ने यह भी साफ किया है कि कोई भी छात्र स्कूल के समय में कोचिंग में पढ़ाई नहीं कर सकता। हालांकि, स्कूल की अवधि समाप्त होने के बाद छात्रों को कोचिंग जाने पर कोई रोक नहीं है। विभागीय स्तर पर औचक निरीक्षण की व्यवस्था की जाएगी। ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि इस नियम का पालन हो रहा है।

स्मार्ट क्लास की पहलः स्मार्ट क्लास की दिशा में भी बड़ा कदम उठाते हुए डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य के स्कूलों में स्मार्ट क्लास स्थापित करने के लिए सर्वे चल रहा है। जिन स्कूलों में भवन और स्मार्ट क्लास के कमरे तैयार हैं, वहां जल्द ही स्मार्ट क्लास की शुरुआत की जाएगी।

इसके तहत सबसे पहले मिडिल और हाई स्कूलों में प्राथमिकता दी जाएगी। अगले महीने से सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद, स्मार्ट क्लास के जरिए बच्चों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ा जाएगा।

डॉ. सिद्धार्थ ने कहा, “लगभग सभी स्कूलों का अपना भवन तैयार हो रहा है, जिससे स्मार्ट क्लास की शुरुआत में सहूलियत होगी।” इस कदम का उद्देश्य बच्चों को डिजिटल युग की शिक्षा से जोड़ना और उन्हें 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करना है।

हर शनिवार होंगे एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड कार्यक्रमः शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर शनिवार को एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड के कार्यक्रमों को स्कूलों में अनिवार्य रूप से लागू करने की योजना बनाई है।

इसके लिए भी विभागीय स्तर पर सर्वे की शुरुआत हो चुकी है। इन कार्यक्रमों से न केवल बच्चों में नेतृत्व और अनुशासन के गुण विकसित होंगे, बल्कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी की भावना भी प्रबल होगी।

वेशक  शिक्षा विभाग के ये कदम स्कूल शिक्षा के माहौल में बड़ा बदलाव लाने की ओर इशारा करता हैं। सरकारी शिक्षकों पर निजी ट्यूशन पर प्रतिबंध और स्मार्ट क्लास की शुरुआत छात्रों के शैक्षिक अनुभव को और बेहतर बनाने के प्रयास हैं।

साथ ही एनसीसी और एनएसएस जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों को एक संतुलित शिक्षा मिले। ताकि उन्हें न केवल अकादमिक रूप से, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफल बना सके।

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