बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा नियुक्त शिक्षकों में शामिल भाषा अहर्ता में फेल अभ्यर्थियों को खोजने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। सरकार ऐसे बीपीएससी शिक्षकों को नौकरी से बाहर करने का प्लान बना रही है, जिनकी नियुक्ति भाषा अहर्ता में फेल हो जाने यानि 30 अंक से कम अंक प्राप्त होने के बाबजूद हो गई है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार बिहार सरकार ने शिक्षकों की भाषा अहर्ता में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक बड़ी प्रक्रिया का आरंभ किया है। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा नियुक्त उन शिक्षकों की पहचान की जा रही है। जिन्होंने नियुक्ति के दौरान भाषा अहर्ता परीक्षा में न्यूनतम 30 अंकों की आवश्यकता को पूरा नहीं किया था।
विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकार इन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। यह कार्रवाई बिहार में शिक्षकों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
नालंदा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों, प्रधानाध्यापकों, प्रभारी प्रधानाध्यापकों, और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के अधिकारियों को एक पत्र जारी किया है।
पत्र में उन्होंने बीपीएससी (BPSC) के विज्ञापन संख्या- 27/2023 के तहत भाषा अहर्ता में 30 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले शिक्षकों की सूची दो दिनों के भीतर जिला कार्यालय में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
पत्र में कहा गया है कि संबंधित प्रखंडों में नियुक्त इन शिक्षकों की जानकारी सत्यापित कर विहित प्रपत्र में उपलब्ध कराई जाए ताकि इसे समेकित कर समय पर विभाग को प्रस्तुत किया जा सके। साथ ही चेतावनी दी गई है कि इस कार्य में देरी की समस्त जिम्मेदारी संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की होगी।
विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकार का यह कदम उन शिकायतों के बाद आया है। जिसमें कहा गया था कि कई शिक्षक भाषा अहर्ता में असफल होने के बावजूद नियुक्ति पा चुके हैं। विभाग अब यह सुनिश्चित करना चाहता है कि नियुक्ति प्रक्रिया में किसी प्रकार की त्रुटि न रहे और योग्य शिक्षक ही स्कूलों में नियुक्त हों।
इस संबंध में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों का कहना है कि सरकार की प्राथमिकता शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। भाषा की न्यूनतम अहर्ता परीक्षा में असफल होने वाले शिक्षक बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए यह जांच आवश्यक है।
- वीमेंस एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के लिए राजगीर में बना नया ट्रैफिक प्लान
- बिहार सक्षमता परीक्षा 2024: आधार सत्यापन त्रुटि सुधार आवेदन की तिथि बढ़ी
- नव नालंदा महाविहार में पत्रकारिता की भूमिका पर हुआ गहन मंथन
- महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी: सलीमा टेटे की कप्तानी में खेलेगा भारतीय हॉकी टीम
- सूर्यपीठ बड़गांव में भास्कर महोत्सव और औंगारी में सूर्य महोत्सव को 10-10 लाख मिले
HM aur BEO to farji shikshak ka Suchi nhi bhej rhe..ye bhasa me fail ka Kahan se bhejenge..