Home नगरनौसा 10 फर्जी शिक्षकों का नियोजन रद्द, वेतन की रिकवरी का आदेश

10 फर्जी शिक्षकों का नियोजन रद्द, वेतन की रिकवरी का आदेश

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Employment of 10 fake teachers cancelled, order for recovery of salary
Employment of 10 fake teachers cancelled, order for recovery of salary

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग ने नौकरी में डुप्लीकेट प्रमाण पत्रों का उपयोग करने वाले जिले के 10 शिक्षकों को फर्जी घोषित करते हुए उनके नियोजन को रद्द करने का सख्त आदेश जारी किया है। इन शिक्षकों ने बीटीईटी, सीटीईटी, एसटीईटी के फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षक की नौकरी प्राप्त की थी। विभागीय जांच में इनका सत्यापन न हो पाने पर यह फैसला लिया गया।

जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुसार माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक से प्राप्त पत्र के आलोक में यह कार्रवाई की जा रही है। सक्षमता परीक्षा 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र भरते समय कुछ शिक्षक अभ्यर्थियों के रोल नंबर और प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे, जिनमें ये 10 शिक्षक भी शामिल हैं।

शिक्षा विभाग द्वारा इन शिक्षकों को प्रमाण पत्रों के भौतिक सत्यापन के लिए बार-बार बुलाया गया, लेकिन निर्धारित समय सीमा (13 से 17 मई 2024) के दौरान वे उपस्थित नहीं हुए। सूबे में 321 शिक्षक अभ्यर्थी इस सत्यापन प्रक्रिया से गायब रहे थे। संबंधित शिक्षकों को कई बार निर्देश देने के बावजूद जब वे अपने प्रमाण पत्रों की जांच कराने नहीं पहुंचे, तो उन्हें फर्जी करार देते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है।

शिक्षा व्यवस्था पर सवालः इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था में फैली अनियमितताओं और फर्जीवाड़े को उजागर कर दिया है। बार-बार बुलावे के बाद भी सत्यापन में अनुपस्थित रहने वाले इन शिक्षकों ने विभाग को कठोर कदम उठाने पर मजबूर किया। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने नियोजन इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे तत्काल इन 10 शिक्षकों का नियोजन रद्द करें और आगे की कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

इस मामले ने उन अभ्यर्थियों के भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा पास की है और वे अपनी जगह के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे सरकारी नौकरी हथिया रहे थे। शिक्षा विभाग अब इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेते हुए सख्त कदम उठा रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

क्या कहती है जांच रिपोर्ट? प्राथमिक जांच में यह पाया गया कि ये शिक्षक अपने प्रमाण पत्रों की वैधता सिद्ध नहीं कर सके। विभागीय जांच समिति ने बार-बार नोटिस भेजने के बावजूद कोई संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्हें फर्जी घोषित करने का निर्णय लिया। अब इन शिक्षकों के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी, और अन्य जिलों में भी इस तरह की जांच की संभावना व्यक्त की जा रही है।

आगे की प्रक्रियाः फर्जी शिक्षकों के नियोजन रद्द करने के बाद, विभाग ने संबंधित शिक्षकों से वेतन की रिकवरी और कानूनी कार्रवाई की योजना भी बनाई है।

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