Sunday, March 30, 2025
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हरनौत BPM मनीष ने तनाव में आकर 4थी मंजिल से कूदकर दी जान, मचा कोहराम

BPM मनीष की यह दुखद कहानी न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी है। नौकरी का दबाव, आर्थिक तंगी और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी ऐसी घटनाओं को जन्म दे रही है…

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण। बिहार के नालंदा जिले से एक बेहद दुखद और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। हरनौत प्रखंड संसाधन केंद्र (बीआरसी) में प्रखंड परियोजना प्रबंधक (BPM) के पद पर कार्यरत 27 वर्षीय मनीष कुमार ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। यह घटना हरनौत थाना क्षेत्र के हरनौत बाजार इलाके में हुई, जहां मनीष ने चार मंजिला मकान से छलांग लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस घटना ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है।

जानकारी के मुताबिक मनीष कुमार पिछले कुछ समय से गहरे मानसिक तनाव से गुजर रहे थे। बताया जा रहा है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने हाल ही में सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों (बीईओ) को एक पत्र जारी किया था, जिसमें उनकी कार्यप्रणाली की समीक्षा करने और यह तय करने की बात कही गई थी कि उन्हें पद पर रखा जाए या नहीं। इस पत्र के बाद से मनीष पर नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा था। जिससे वे बेहद परेशान थे।

इसके अलावा उन्हें पिछले कुछ समय से वेतन भी नहीं मिला था। जिसने उनकी आर्थिक स्थिति को और बदतर बना दिया था। परिवार में एकमात्र कमाने वाले मनीष पर अपने परिवार की जिम्मेदारी थी। जिसमें उनकी दो साल की मासूम बेटी भी शामिल है। नौकरी, वेतन और परिवार की चिंता ने उन्हें इस कदर तोड़ दिया कि उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठा लिया।

यह दुखद घटना मंगलवार 25 मार्च 2025 की देर रात को हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मनीष अपने घर की चार मंजिली इमारत की छत पर गए और वहां से नीचे कूद गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत इसकी सूचना हरनौत थाना पुलिस को दी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या का मामला माना जा रहा है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की गहन पड़ताल कर रही है।

मनीष की मौत से उनके परिवार में कोहराम मच गया है। उनकी पत्नी और दो साल की बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार वालों का कहना है कि मनीष पिछले कुछ दिनों से बहुत चुपचाप रहने लगे थे और अपनी परेशानियों को किसी से साझा नहीं कर रहे थे।

उनके एक रिश्तेदार ने बताया कि वे परिवार का इकलौता सहारा थे। नौकरी को लेकर इतना दबाव था कि वह रात को ठीक से सो भी नहीं पाता था। हमने उसे समझाने की कोशिश की। लेकिन शायद हम उसकी मन:स्थिति को समझ नहीं पाए।

बहरहाल, इस घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मनीष जैसे कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलना और नौकरी की अनिश्चितता का दबाव क्या उनकी मौत का कारण बना? इन दिनों शिक्षा विभाग में कार्यरत कई कर्मचारी इसी तरह के तनाव से गुजर रहे हैं।

हरनौत थाना प्रभारी के अनुसार सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। मामले की हर संभव जांच की जा रही है। मृतक के परिवार और सहकर्मियों से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर क्या परिस्थितियां थीं, जिनके चलते यह कदम उठाया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सटीक कारणों का पता चल सकेगा।

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