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हिरण्य पर्वत का होगा कायाकल्प, मंत्री डॉ. सुनील ने उठाया बड़ा कदम 

सोहसराय (नालंदा दर्पण)। बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार, जोकि स्थानीय भाजपा विधायक भी हैं, उन्होंने बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बड़ी पहाड़ी पर स्थित हिरण्य पर्वत का दौरा कर इसके सौंदर्यीकरण और विकास की योजनाओं का जायजा लिया।

इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि आगामी रामनवमी के अवसर पर 6 अप्रैल 2025 को हिरण्य पर्वत पर बने पार्क में आधुनिक सुविधाओं के निर्माण का शिलान्यास होगा। इन सुविधाओं में फाउंटेन, कैफेटेरिया, शेड, ओपन जिम, पानी टैंक, सुलभ शौचालय और यात्री विश्राम गृह जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

उनका कहना है कि इस क्षेत्र को सुंदर और आकर्षक बनाकर इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे हिरण्य पर्वत न केवल पर्यटकों के लिए बल्कि स्थानीय नागरिकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन सके।

पर्यावरण संरक्षण और इको टूरिज्म पर जोरः मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने इस निरीक्षण के दौरान पर्यावरण संरक्षण और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

उन्होंने कहा कि हिरण्य पर्वत को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने से न सिर्फ इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता में निखार आएगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

निरीक्षण के दौरान वन विभाग के अधिकारियों को सौंदर्यीकरण और विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। मौके पर नालंदा डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) राजकुमार एम सहित कई विभागीय अधिकारी और स्थानीय गणमान्य लोग मौजूद रहे।

जल संकट की गंभीर समस्याः निरीक्षण के दौरान हिरण्य पर्वत क्षेत्र के निवासियों ने मंत्री के सामने गंभीर जल संकट की समस्या को उठाया। हिरण्य पर्वत के जिम के सामने से लेकर मंसूर नगर और छोटी पहाड़ी तक के घरों में सरकार की नल जल योजना का पानी अभी तक नहीं पहुंच सका है। खासकर गर्मियों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है। जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इसे गंभीरता से लेते हुए मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने आश्वासन दिया कि जल संकट के समाधान के लिए त्वरित कदम उठाए जाएंगे। इस मुद्दे पर नगर आयुक्त से बातचीत हो चुकी है और जल्द ही इस समस्या का निदान किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि अपने विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों की समस्याओं को दूर करने के लिए वे हमेशा तत्पर रहते हैं और हिरण्य पर्वत क्षेत्र में पानी की किल्लत को खत्म करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा।

पर्यटन और स्थानीय विकास का मील का पत्थरः हिरण्य पर्वत के सौंदर्यीकरण और आधुनिक सुविधाओं के शिलान्यास की यह पहल क्षेत्र के पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

6 अप्रैल 2025 को शुरू होने वाले इस प्रोजेक्ट से न केवल इस क्षेत्र की खूबसूरती बढ़ेगी, बल्कि पर्यटकों के लिए एक बेहतर अनुभव और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।

साथ ही जल संकट जैसी मूलभूत समस्या के समाधान की दिशा में उठाए जा रहे कदम स्थानीय निवासियों के लिए राहत का सबब बनेंगे। यह पहल हिरण्य पर्वत को एक हरित, सुंदर और सुविधाजनक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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