पटवन के दौरान करंट से पति-पत्नी की दर्दनाक मौत, 6 बच्चों का छिना सहारा

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण डेस्क)। रहुई थाना क्षेत्र अंतर्गत मोहद्दीनपुर गांव के पूरब पहियारा खंधा में खेत में पटवन कर रहे एक दंपत्ति की बिजली के करंट की चपेट में आकर मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। पति को झूलसता देख पत्नी उन्हें बचाने दौड़ीं, लेकिन दोनों ही करंट की जद में आ गए। इस हादसे ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि छह मासूम बच्चों के सिर से माता-पिता का साया एक साथ छीन लिया। गांव में दो अर्थियां एक साथ उठने से मातम पसर गया और ग्रामीण गमगीन हो गए।
बताया जाता है कि मोहद्दीनपुर गांव के निवासी 45 वर्षीय चिंटू बिंद अपनी 40 वर्षीय पत्नी बबीता देवी के साथ खेत में बोरिंग से पानी निकालकर पटवन का काम कर रहे थे। ग्रामीणों के अनुसार दोनों पति-पत्नी मेहनती किसान थे और परिवार की रोजी-रोटी के लिए खेती पर निर्भर थे। सिंचाई के दौरान अचानक बोरिंग से पानी का लीकेज शुरू हो गया। पानी को बंद करने के लिए चिंटू बिंद आगे बढ़े, लेकिन तभी वहां से गुजर रहे एक कटे हुए बिजली के तार के संपर्क में आ गए।
करंट की तेज चपेट से चिंटू बिंद जमीन पर गिर पड़े और छटपटाने लगे। उनकी चीखें सुनकर पत्नी बबीता देवी तुरंत उन्हें बचाने दौड़ीं। प्यार और फर्ज की इस कोशिश में वह खुद भी करंट की जद में आ गईं। दोनों पति-पत्नी मौके पर ही झूलसकर मृत हो गए। आसपास के खेतों में काम कर रहे अन्य किसानों ने जब दोनों को जमीन पर पड़े देखा तो सभी अवाक रह गए। किसानों ने फौरन शोर मचाया और बिजली की सप्लाई काटने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। ग्रामीणों ने तुरंत बिजली विभाग को सूचित किया और परिजनों को खबर दी।
मृतक दंपत्ति अपने पीछे पांच बेटियां और एक बेटे को छोड़ गए हैं। सबसे बड़ी बेटी की उम्र लगभग 20 वर्ष बताई जा रही है, जबकि सबसे छोटा बच्चा मात्र 5 वर्ष का है। एक साथ माता-पिता खोने से इन बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। परिवार के रिश्तेदारों ने बताया कि चिंटू बिंद खेती-बाड़ी से परिवार चलाते थे और बबीता देवी घर संभालती थीं। अब इन बच्चों की जिम्मेदारी चाची-ताऊ और अन्य रिश्तेदारों पर आ गई है। गांव वाले बताते हैं कि दंपत्ति की मेहनत और आपसी प्रेम की मिसाल दी जाती थी, लेकिन यह हादसा पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया।
घटना की खबर फैलते ही पूरे मोहद्दीनपुर गांव में मातम छा गया। एक साथ दो अर्थियां उठने से ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। महिलाएं छाती पीट-पीटकर रो रही थीं, जबकि पुरुष मौन साधे खड़े थे। पड़ोसी गांवों से भी लोग घटनास्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली के कटे तार लंबे समय से लटके हुए थे, लेकिन विभाग की लापरवाही से कोई ध्यान नहीं दिया गया।
घटना की सूचना मिलते ही रहुई थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। थानाध्यक्ष ललित विजय ने दलबल के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मॉडल अस्पताल बिहारशरीफ भेज दिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि प्राथमिक जांच में करंट से मौत की पुष्टि हुई है। बिजली विभाग के अधिकारियों को भी सूचित कर दिया गया है और लापरवाही की जांच की जा रही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
यह घटना नालंदा जिले में बिजली हादसों की बढ़ती संख्या को उजागर करती है। ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर आरोप लगाया कि खंभों और तारों की मेंटेनेंस नहीं की जाती, जिससे ऐसे हादसे हो रहे हैं। बारिश के मौसम में तो और खतरा रहता है, लेकिन सूखे में भी लापरवाही से जान जा रही है। स्थानीय प्रशासन से मांग की जा रही है कि प्रभावित परिवार को तत्काल मुआवजा दिया जाए और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का इंतजाम हो।









