बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। सरमेरा प्रखंड अंतर्गत इसुआ अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में चिकित्सा व्यवस्था की दयनीय स्थिति ने स्थानीय लोगों के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है। यहां डॉक्टरों की अनुपस्थिति में डाटा एंट्री ऑपरेटरों को मरीजों का इलाज करते देखा जा रहा है, जो कि गंभीर चिंता का विषय है।
ग्रामीणों के अनुसार इस स्वास्थ्य केंद्र पर नियुक्त डॉक्टर सप्ताह में मात्र तीन दिन ही आते हैं, वो भी निर्धारित समय से देर से । वे दोपहर 12 बजे आकर मात्र एक घंटे तक ही रुकते हैं। इस व्यवस्था से लगभग 2 पंचायतों के 8 गांवों के करीब 15 हजार लोग प्रभावित हो रहे हैं।
वेशक यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, जहां मेडिकल प्रशिक्षण के बिना लोग मरीजों का इलाज कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया की हमें कई बार आपात स्थिति में भी डॉक्टर नहीं मिलते। ऐसे में हमें या तो डाटा एंट्री ऑपरेटर पर भरोसा करना पड़ता है या फिर दूर के अस्पतालों में जाना पड़ता है।
इस मामले में कई बार सिविल सर्जन और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को शिकायत की गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नियुक्त डॉक्टर अपना निजी क्लीनिक चलाने के कारण सरकारी अस्पताल पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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