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KGBV के रसोइया-गार्डों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, जानें मांगें

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों (KGBV) में कार्यरत रसोइया, नाइट गार्ड और आदेशपालों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पिछले चार दिनों से जारी है। यह आंदोलन कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का प्रतिबिंब है, जहां वे न्यूनतम मजदूरी, स्थायीकरण और अन्य सुविधाओं की मांग कर रहे हैं।

बिहारशरीफ में जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) कार्यालय के समक्ष धरना और नारेबाजी के माध्यम से दर्जनों कर्मियों ने अपनी एकजुटता दिखाई है। आइए इस मुद्दे को विस्तार से समझते हैं।

संघ के सदस्यों के अनुसार वे 2008 से लगातार सेवा दे रहे हैं, लेकिन अभी तक अस्थायी कर्मचारी ही बने हुए हैं। यह लंबी अवधि की अनिश्चितता ने उन्हें स्थायीकरण की मांग करने के लिए मजबूर किया है।

प्रतिदिन केवल 150 रुपये की मजदूरी दी जा रही है, जो सामान्य बाजार दर से काफी कम है। बढ़ती महंगाई के कारण यह राशि परिवार के भरण-पोषण के लिए अपर्याप्त साबित हो रही है।

KGBV योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो मुख्य रूप से SC/ST/OBC और अल्पसंख्यक समुदायों की कठिन क्षेत्रों में रहने वाली बालिकाओं को शिक्षा प्रदान करने के लिए स्थापित की गई है।

नालंदा जिले में दर्जनों ऐसे विद्यालय हैं, जहां ये कर्मचारी भोजन, सुरक्षा और दैनिक व्यवस्था संभालते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी अनुपस्थिति में विद्यालयों का संचालन असंभव हो जाएगा, फिर भी सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है।

हालांकि हाल ही में बिहार सरकार ने मिड-डे मील योजना के तहत रसोइयों का मानदेय दोगुना करने की घोषणा की है (1,650 रुपये से बढ़ाकर 3,300 रुपये) और माध्यमिक/उच्च शिक्षा स्कूलों के नाइट गार्डों का भत्ता 5,000 से 10,000 रुपये किया है। यह घोषणा अगस्त 2025 से पहले (जुलाई 2025 में) की गई थी, लेकिन KGBV कर्मचारियों पर इसका सीधा असर स्पष्ट नहीं है, क्योंकि उनकी मांगें इससे व्यापक हैं।

प्रदर्शनकारियों ने सरकार के समक्ष कई प्रमुख मांगें रखी हैं। जिनमें लंबे समय से कार्यरत कर्मचारियों को स्थायी नौकरी, समान जिम्मेदारियों पर समान वेतन सुनिश्चित, मजदूरी को न्यूनतम वेतन मानकों के अनुरूप बढ़ाना, भविष्य निधि (PF) और कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) का लाभ, कर्मचारियों के लिए मुफ्त और नियमित मेडिकल चेकअप, बेहतर सुरक्षा उपाय, खासकर रात्रि ड्यूटी के दौरान,प्रसव अवकाश और संबंधित लाभ, पेंशन, प्रमोशन और कार्यस्थल सुधार शामिल हैं।

आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी न होने तक हड़ताल जारी रहेगी, जो विद्यालयों की दैनिक व्यवस्था को प्रभावित कर सकती है।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों की मांगों की जानकारी राज्य सरकार को भेज दी गई है। मामले पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। बिहार में KGBV योजना के तहत कुल 535 विद्यालय संचालित हैं, जो 50,000 से अधिक बालिकाओं को लाभ पहुंचाते हैं। हाल ही में 47 नए ब्लॉकों में विस्तार किया गया है, लेकिन कर्मचारी-संबंधी मुद्दे अभी भी चुनौती बने हुए हैं।

यह हड़ताल न केवल नालंदा तक सीमित है, बल्कि बिहार के अन्य जिलों में भी समान समस्याएं हैं, जहां KGBV भर्ती प्रक्रिया (जैसे 2025 में 3,500+ पदों के लिए) लंबित है। यदि हल न हुआ तो यह बालिकाओं की शिक्षा पर असर डाल सकता है। सरकार को जल्द निर्णय लेना चाहिए, खासकर आगामी चुनावों के मद्देनजर। कर्मचारी संगठनों को भी वार्ता के लिए आगे आना होगा।

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