इस्लामपुरअपराधनालंदाबिग ब्रेकिंगहिलसा

शराबबंदीः इस्लामपुर की सड़कों पर यूं बिखरी शराब की बोतलें, लोग परेशान

इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद भी जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। इस्लामपुर बाजार में सुबह-सुबह दुकान खोलते समय दुकानदारों की नजर अक्सर सड़क किनारे पड़ी खाली शराब की बोतलों पर जाती है, जिसे देखकर वे बेहद नाराज़ और परेशान हो उठते हैं।

दुकानदारों का कहना है कि शराबबंदी के बावजूद शराब माफियाओं का दबदबा कम होने के बजाय लगातार बढ़ता ही जा रहा है, और प्रशासन इस पूरे मामले में मूकदर्शक बना हुआ है।

दुकानदारों का आरोप है कि रात के अंधेरे में असामाजिक तत्व चोरी-छिपे विदेशी शराब का सेवन करते हैं और फिर दुकानों के सामने से गुजरती सड़क पर खाली बोतलें फेंक देते हैं। इससे न केवल बाजार की साफ-सफाई प्रभावित होती है, बल्कि टूटी हुई कांच की बोतलों से राहगीरों को चोट लगने का भी खतरा लगातार बना रहता है। नशे में धुत लोग इतनी गैर-जिम्मेदारी से बोतलें फेंक जाते हैं, मानो दुकान वाले ही उनके पीछे सफाईकर्मी बनकर घूम रहे हों।

दुकानदारों का कहना है कि शराबबंदी के बाद ऐसी उम्मीद थी कि इस तरह की गतिविधियां पूरी तरह खत्म होंगी, लेकिन हालात उलटे हो गए। चोरी-छिपे शराब बेचने और पीने का खेल अब पहले से अधिक तेज हो गया है। नशे में घटनाएं बढ़ने के साथ-साथ बाजार और आसपास के इलाकों में अक्सर अप्रिय स्थितियां पैदा हो रही हैं।

इधर ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। स्थानीय लोगों के अनुसार प्रखंड के खटोलना विगहा, इचहोस तकियापर, फजीलापुर, वरदाहा और सरथुआ जैसे गांवों में देशी शराब बनाने और बेचने का काम खुलेआम जारी है। लोग कहते हैं कि यह पूरा अवैध धंधा शराबबंदी कानून का मज़ाक उड़ाने जैसा है। कई बेरोजगार युवा इस गोरखधंधे की चपेट में आकर अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

हालांकि पुलिस-प्रशासन समय-समय पर अभियान चलाकर देसी शराब की भट्ठियों को तोड़ती रही है और आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जाता रहा है, जिसकी एंट्री थाना रिकॉर्ड में भी मौजूद है। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई स्थायी नहीं है। शराब माफियाओं की पकड़ इतनी मजबूत हो चुकी है कि यह धंधा कुछ दिनों की सुस्ती के बाद फिर जोर पकड़ लेता है।

दुकानदारों और ग्रामीणों की एक ही मांग है। सरकार और प्रशासन शराबबंदी को सख्ती से लागू करे, ताकि अवैध शराब की बिक्री, नशेबाजी और बढ़ती घटनाओं पर प्रभावी रोक लग सके। फिलहाल लोगों के बीच यही चर्चा है कि जब तक सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक शराब माफियाओं का रसूख कम होने वाला नहीं और आम जनता इसी तरह परेशान होती रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

error: Content is protected !!