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लोकाइन नदी ने दर्जन भर गांवों में मचाई तबाही, बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंच सका प्रशासन

Lokain river caused havoc
Lokain river caused havoc in a dozen villages, administration has not been able to reach the flood victims

हिलसा (नालंदा दर्पण)। करायपरशुराय प्रखंड क्षेत्र में लोकाईन नदी में अचानक भारी पानी आने से मकरौता पंचायत के मुसाढ़ी गांव के पास तटबंध टूट गया है। जिससे दर्जन भर गांवों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। नदियों से आया पानी अब घरों तक पहुंच गया है। इससे अब घरों के गिरने का भी डर लोगों को सता रहा है। करीब 20 हजार लोग भूखे-प्यासे घरों में कैद हैं। बाढ़ के कारण गांव का संपर्क पथ जमीन का भी कटान हो रहा है।

मकरौता पंचायत अंतर्गत खोखना, मुसाढ़ी, कमरथू, फतेहपुर, दीरीपर, मकरौता, सदरपुर आदि गांवों का धान की फसल भी पूरी तरह नष्ट हो गई है। बाढ़ में फंसे लोगों को अब तक न तो राहत सामग्री मुहैया कराई गई है और न ही अधिकारी ही गांव तक पहुंच सके हैं। जलस्तर अधिक होने से एनडीआरफ की दो टीमों द्वारा राहत पहुंचाई जा रही है। लेकिन लोग खाना पूर्ति समझ रहे हैं।

प्रशासनिक अधिकारी राहत सामग्री वितरण करने की बात तो कह रहे हैं। लेकिन, हालात कुछ और ही हैं। आसपास के इलाकों में जल स्तर होने से जल संकट अधिक हो गया है। इस पर विशेष कोई नजर प्रशासन की नहीं है। इससे ग्रामीण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है कि मुसाढ़ी गांव के पास तटबंध मरम्मत नहीं होने से दीरीपर, कमरथू, फतेहपुर, सदरपुर खोखना अन्न क्षेत्रों में में पानी भरा हुआ है।

हर तरफ पानी, पशु भी परेशान: बाढ़ का पानी सड़क से लेकर खेतों तक भरा है। गांव में बाढ़ का पानी आने की वजह से अब पशु भी परेशान हो गए हैं। उनको चारे बाढ़ के कारण घरों में पानी आने से पशु के चारे बर्बाद हो गए हैं। जिसके कारण पशु चारा संकट पैदा हो गया है। अभी भी पशु बाढ़ की वजह से घर के पास जल भराव में ही को अपना आशियाना बनाए हुए हैं। प्रशासन की ओर से कोई राहत नहीं मिल रही है।

फसल हुई चौपट, किसान परेशानः प्रखंड क्षेत्र में कुछ महीने पहले बाढ़ आई से धान की पौध पूरी तरह से नष्ट हो गई थी। बाढ़ का पानी जाने के बाद में जैसे-तैसे ग्रामीणों को अपने जीवन-यापन को जारी रखने के लिए दोबारा से धान खरीफ की फसल रोपाई थी। किसान अपने घर की सारी पूंजी फसल के उत्पादन में लगा दिया था। दोबारा बाढ़ तटबंध टूटने से लहर लहराता फसल नष्ट हो गया है। इसी बीच में दोबारा से बाढ़ आ गई और किसानों के सैकड़ों एकड़ अब फिर से फसल नष्ट हो गई है।

जनजीवन प्रभावित, जिम्मेदार दें ध्यान: ग्रामीण के अनुसार बीते 4 दिनों से लोकाईन नदी का टूटे तटबंध का मरम्मत नहीं करने से गांव में फैली नदी का पानी लगातार बढ़ रहा है। बढ़ते जलस्तर से आम जनजीवन प्रभावित है। प्रखंड के जोड़ने वाले सड़क के ऊपर के भर ठेहुना पानी हो जाने से मकरौता गांव का संपर्क टूट गया है। गांवों में घरों में पानी घुस गया है। किसान की धान जैसी महत्वपूर्ण फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं हैं। गांवों में प्रशासन की ओर से कोई राहत सामग्री नहीं दी गई है। अधिकांश लोग घरों में कैद हैं। अब पेट भरने के लिए भी सामान नहीं बचा है। ऐसे में प्रशासन को राहत सामग्री वितरित करनी चाहिए।

 

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