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हिलसा क्षेत्र में लोकायन नदी का कहर: गांव जलमग्न, फसलें तबाह

हिलसा (नालंदा दर्पण)। झारखंड में लगातार बारिश के बाद हिलसा प्रखंड में लोकायन नदी ने एक बार फिर तबाही मचाई है। नदी के पश्चिमी तटबंध के करीब 60 फीट हिस्से के टूटने से धुरी बिगहा, छीयासठ बिगहा, फुलवरिया, कुसेता, मुरलीगढ़, सोहरापुर, जमुआरा, चमंडी, रसलपुर, गिलानीपुर, और बेलदारी बिगहा जैसे गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। गलियों में 4 से 5 फीट तक पानी बह रहा है। जिससे सैकड़ों एकड़ धान, मक्का और सब्जियों की फसलें जलमग्न हो गई हैं। ग्रामीण छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं। जबकि प्रशासन की ओर से त्वरित सहायता की कमी ने लोगों का गुस्सा बढ़ा दिया है।

लोकायन नदी के तटबंध टूटने से हिलसा के कई गांव पानी से घिर गए हैं। सोहरापुर, बेलदारी बिगहा और गिलानीपुर में सड़कों पर 2 से 3 फीट पानी बह रहा है। जिससे दर्जनों गांवों का बाजार से संपर्क टूट गया है। नए इलाकों जैसे दल्लू बिगहा, चिकसौरा डीह, बरियारपुर, बनवारा और हरवंशपुर में भी पानी तेजी से फैल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके घरों में 3 से 4 फीट पानी भर गया है। जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है।

हालांकि एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं। लेकिन राहत कार्यों की गति धीमी होने से ग्रामीणों में निराशा है। सोहरापुर स्कूल में प्रशासन ने निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया, जहां पहले शिफ्ट में 143 लोगों का इलाज हुआ। हालांकि दूसरी शिफ्ट में डॉक्टर की अनुपस्थिति ने व्यवस्था की पोल खोल दी।

बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है। सैकड़ों बीघा धान, सब्जी, जिनोरा और मक्का की फसलें बर्बाद हो गई हैं। चिकसौरा और बेलदारी बिगहा में खेतों में पानी भरने से धान की रोपाई रुक गई है। किसानों का कहना है कि बार बार बाढ़ आने से उनकी मेहनत और निवेश डूब रहा है। इसके अलावा गांवों में सांप और बिच्छुओं का खतरा बढ़ गया है, जिससे लोग दहशत में हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि तटबंध की मरम्मत में लापरवाही के कारण यह स्थिति बार बार उत्पन्न हो रही है। धुरी बिगहा के पास पिछले तीन सालों में चार बार तटबंध टूट चुका है।

ग्रामीणों का कहना है कि मरम्मत के लिए बालू के ऊपर मिट्टी डाल दी जाती है, जो बाढ़ के दबाव में टिक नहीं पाती। हिलसा विधायक कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया और प्रशासन से तटबंध मरम्मत की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

चिकसौरा बाजार में भी बाढ़ का पानी घुस गया था, जिससे दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ। रविदास टोला और फिरोजपुर में कई घरों में पानी घुसने से सामान खराब हो गया। ग्रामीणों ने प्रशासन से त्वरित राहत और मुआवजे की मांग की है।

हालांकि लोकायन नदी का जलस्तर 3 फीट कम हुआ है। लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार बारिश दोबारा होने पर स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन और स्थानीय किसान तटबंधों पर नजर रखे हुए हैं। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि स्थायी समाधान के बिना यह संकट हर साल दोहराया जाएगा।

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