
राजगीर (नालंदा दर्पण डेस्क)। नालंदा जिले के सिलाव थाना क्षेत्र में अवैध हथियारों की एक बड़ी डील को नाकाम करते हुए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने दो कुख्यात तस्करों को धर दबोचा। गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई में पुलिस की घेराबंदी से घबराए तस्करों ने भागने की कोशिश की, लेकिन एसटीएफ के जवानों की फुर्ती ने दो को मौके पर ही पकड़ लिया।

वहीं उनके तीन साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। यह घटना जिले में बढ़ते अवैध हथियारों के कारोबार पर सवाल उठा रही है और पुलिस अब फरार आरोपियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी हुई है।
राजगीर डीएसपी सुनील कुमार ने बताया कि टीम को विश्वसनीय सूचना मिली थी कि सिलाव थाना क्षेत्र के करियन्ना गांव के पास कुछ हथियार तस्कर अवैध हथियारों की बड़ी खेप की डील करने पहुंचने वाले हैं। सूचना की गंभीरता को देखते हुए एसटीएफ की एक विशेष टीम तुरंत हरकत में आ गई। जवानों ने गुप्त रूप से मौके पर पहुंचकर छिपकर निगरानी शुरू कर दी। इलाका ग्रामीण और अंधेरा होने के कारण तस्करों को पुलिस की मौजूदगी का शक नहीं हुआ।
कुछ देर बाद करीब पांच लोग वहां पहुंचे। वे आपस में फुसफुसाकर बातचीत करने लगे, जो स्पष्ट रूप से किसी बड़े सौदे की तैयारी लग रही थी। डीएसपी सुनील कुमार ने बताया कि हमारी टीम ने देखा कि ये लोग संदिग्ध तरीके से इधर-उधर देख रहे थे और बैग जैसे सामान साथ लेकर आए थे। जैसे ही हमने घेराबंदी शुरू की, पुलिस की मौजूदगी का आभास होते ही वे भागने लगे। लेकिन एसटीएफ के जवान सतर्क थे। उनकी तत्परता से कार्रवाई करते हुए उन्होंने दो तस्करों को दबोच लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान घोस्तावां गांव निवासी विपिन प्रसाद के पुत्र विक्रम कुमार और करियन्ना गांव निवासी जितेंद्र सिंह के पुत्र प्रिंस कुमार के रूप में हुई है। दोनों ही स्थानीय स्तर पर हथियार तस्करी के पुराने खिलाड़ी माने जा रहे हैं।
हालांकि, भाग्य ने तीन अन्य तस्करों का साथ दिया। अंधेरे और झाड़ियों का फायदा उठाकर वे मौके से फरार हो गए। पुलिस ने तुरंत इलाके की नाकाबंदी कर दी और आसपास के गांवों में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। डीएसपी ने कहा कि फरार आरोपियों की तलाश के लिए कई टीमों को लगाया गया है। हम उनके ठिकानों पर छापेमारी कर रहे हैं और जल्द ही उन्हें पकड़ लेंगे।
गिरफ्तार तस्करों से प्रारंभिक पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दोनों ने कबूल किया कि वे नालंदा जिले सहित आसपास के जिलों जैसे पटना, गया और जहानाबाद में अवैध हथियारों की सप्लाई करते हैं। ये हथियार मुख्य रूप से अपराधी गिरोहों, रंगदारी वसूलने वालों और स्थानीय गुंडों तक पहुंचाए जाते हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार तस्करों के पास से कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिनमें मोबाइल फोन, नंबर और कुछ दस्तावेज शामिल हैं। इनके आधार पर पुलिस पूरे नेटवर्क का पता लगा रही है। तस्करों का नेटवर्क बिहार के बाहर तक फैला हुआ हो सकता है, जहां से हथियारों की खेप आती है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये लोग देशी कट्टा, पिस्तौल और कारतूस जैसी चीजों की डील करते थे, जो अपराध की दुनिया में मांग में रहती हैं।
बहरहाल यह कार्रवाई नालंदा जिले में बढ़ते अपराधों पर लगाम कसने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। हाल के महीनों में जिले में हथियारों से जुड़ी वारदातें बढ़ी हैं, जिसमें गोलीबारी और रंगदारी की घटनाएं शामिल हैं। स्थानीय लोग पुलिस की इस मुस्तैदी की सराहना कर रहे हैं, लेकिन साथ ही मांग कर रहे हैं कि फरार तस्करों को जल्द पकड़ा जाए ताकि इलाके में शांति बनी रहे।
फिलहाल दोनों गिरफ्तार तस्करों को सिलाव थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है, जहां उनपर आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। आगे की जांच एसटीएफ और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से कर रही है। डीएसपी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही फरार आरोपियों की गिरफ्तारी होगी और अवैध हथियारों के पूरे कारोबार पर रोक लगेगी।









