Home नालंदा मंत्री-सांसद ने बदनाम करने के लिए कैग रिपोर्ट में कराया फर्जीबाड़ा

मंत्री-सांसद ने बदनाम करने के लिए कैग रिपोर्ट में कराया फर्जीबाड़ा

0

नालंदा जिले में ऐसी कई योजनाएं हैं, जो कागजी है, लेकिन उसे कैग की रिपोर्ट में सही और कई ऐसी जमीनी योजनाएं हैं, जिसे कैग की रिपोर्ट में फर्जी करार दिया गया है…

बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जो कैग की रिपोर्ट में शाजिशन एक बड़ा फर्जीबाड़ा किया गया है।

Open report of fake poll in CAG due to minister MPs issue air aerial test report came out FROUD 2इस फर्जीबाड़ा से एक बात और स्पष्ट होती है कि कैग की सर्वेक्षण टीम स्थल का निरीक्षण नहीं करते हैं और अपने राजनीतिक आकाओं के ईशारे पर दूध को पानी और पानी को दूध बता डालते हैं।

कहा जाता है कि कैग से जुड़े लोग सर्वेक्षण के नाम पर बड़ी वसूली भी करते हैं। ग्रामीण स्तर तो उसके एजेंट मुखिया और वार्ड सदस्य तक दस्तक देते हैं और फिर मोल-भाव कर उसे रिपोर्ट में अंकित करते हैं।

इसी तरह का एक मामला नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड ग्राम पंचायत अजयपुर में 62000 रुपये की लागत से योजना संख्या 5/15- 16 के तहत लगाए गए ट्यूबवेल को लेकर सामने आया है। जोकि भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक  (CAG/कैग)  की रिपोर्ट में हुई फर्जीबाड़ा का साफ खुलासा करती है।

कैग द्वारा कहा गया है कि नालंदा जिले के अफसरों ने कागजों पर ट्यूबेल लगा भी दिया। कैग की टीम जब मौके पर पहुंची तो यहां भी उन्हें चौंकाने वाली सच्चाई देखने को मिली। वहां ट्यूबबेल जैसी कोई चीज थी ही नहीं।

उसी प्रकार अजयपुर पंचायत में कई जलनल और चापाकल को लेकर कैग ने फर्जी रिपोर्ट बनाई है। हकीकत में वे बोरिंग और चापाकल चालू हालत में रहे हैं। वे कभी निष्क्रीय हुए ही नहीं।

इस बाबत बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नालंदा विधायक एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार को कड़ी चुनावी टक्कर देने वाले भाजपा नेता कौशलेन्द्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया कहते हैं कि, यह सब मंत्री श्रवण कुमार और स्थानीय सांसद कौशलेन्द्र कुमार सरीखे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का काम है, जो अपने विरोधियों को बदनाम करने के लिए कैग के लोगों को मैनेज करते हैं और उसे अपनी ही सरकार (नीतीश सरकार) को बदनाम करने का कुचक्र रचने से बाज नहीं आते हैं।

उन्होंने कहा कि अजयपुर पंचायत के जिन योजनाओं की बात कैग रिपोर्ट और मीडिया खबरों में फर्जी कही गई है, उसका कोई भी जमीनी स्तर पर आकर देख सकते हैं। मंत्री और सांसद कितनी तुच्छ स्तर की राजनीति करते हैं, इसका भी खुलासा हो जाएगा।

मंत्री और सांसद की प्रायः योजनाओं में भारी अनियमियता बरती गई है। लूट का खुला खेल खेला गया है। क्या यह सब देखने में कैग वालों के आँख में अकवन का दूध चला गया है क्या?

इस संबंध में नालंदा जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह से मोबाईल संपर्क करने का प्रया किया गया, लेकिन उन्होंने प्रतिउतर नहीं दिया।

जब उनके कार्यालय के नबंर पर संपर्क किया गया तो बताया गया कि साहब अभी मींटिंग में हैं, उनके मोबाईल पर ही संपर्क करें। यह लैंड लाइन नंबर सिर्फ ऑफिसकर्मियों के लिए है !

error: Content is protected !!
Exit mobile version