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विम्स पावापुरी में मरीजों के लिए आधुनिक जांच लैब का शुभारंभ

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान (विम्स) पावापुरी में  एक अत्याधुनिक जांच लैब का शुभारंभ किया गया हौ, जो क्षेत्र के मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। इस लैब का शुभारंभ संस्थान की प्राचार्या डा. सर्बिल कुमारी ने किया। इसके साथ ही मरीजों को अब ब्लड कल्चर, पैरासाइटोलॉजी और माइक्रोलॉजी जैसी तीन प्रमुख जांचों की सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध होने लगी।

Modern testing lab inaugurated for patients at VIMS Pavapuri
Modern testing lab inaugurated for patients at VIMS Pavapuri

डा. कुमारी ने बताया कि इस अत्याधुनिक लैब की स्थापना से नालंदा, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय और जमुई जिलों के मरीजों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी। ये जिले विम्स पावापुरी के लिए प्राथमिक सेवा क्षेत्र हैं, जहां से बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए आते हैं।

उन्होंने कहा कि यह लैब मरीजों के लिए एक वरदान साबित होगी, क्योंकि अब रक्त, फंगल और बैक्टीरियल संक्रमणों की सटीक पहचान संभव हो सकेगी। इससे चिकित्सकों को सही दवा और उपचार चुनने में आसानी होगी।

विम्स पावापुरी में स्थापित यह पहली अत्याधुनिक जांच लैब है, जहां सभी जांचें निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। प्राचार्या ने बताया कि इस सुविधा से विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हर मरीज को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो।

माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख (एचओडी) डा. अरविंद कुमार ने बताया कि लैब में तीन प्रमुख प्रकार की जांचें की जाएंगी- ब्लड कल्चर, पैरासाइटोलॉजी और माइक्रोलॉजी (फंगल कल्चर टेस्ट)।

उन्होंने कहा कि जब किसी मरीज में संक्रमण के लक्षण हों और सामान्य एंटीबायोटिक दवाएं प्रभावी न हों, तब ब्लड कल्चर के माध्यम से रक्त के नमूने में रोगाणुओं की वृद्धि कर उनकी सटीक पहचान की जाती है। यह एक जटिल और महंगी जांच है, जो अब विम्स में निःशुल्क उपलब्ध होगी।

डा. अरविंद ने आगे बताया कि फंगल कल्चर टेस्ट के जरिए शरीर के किसी हिस्से में मौजूद कवक (फंगस) की पहचान और उसकी वृद्धि का अध्ययन किया जाएगा। यह प्रक्रिया गंभीर फंगल संक्रमणों के इलाज में मददगार होगी। इसके अलावा पैरासाइटोलॉजी जांच से परजीवी संबंधी बीमारियों का पता लगाया जाएगा, जो ग्रामीण क्षेत्रों में आम हैं।

लैब में अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग किया गया है, जो रक्त, फंगल और बैक्टीरियल संक्रमणों की सटीक पहचान में सक्षम हैं। ये मशीनें न केवल तेजी से परिणाम देती हैं, बल्कि उनकी सटीकता भी चिकित्सकों को प्रभावी उपचार योजनाएं बनाने में मदद करती है।

डा. अरविंद ने कहा कि इस लैब की स्थापना से न केवल मरीजों को फायदा होगा, बल्कि चिकित्सकों को भी सही निदान और उपचार में सहायता मिलेगी।

लैब के उद्घाटन समारोह में विम्स के अधीक्षक डा. अरुण कुमार, डा. स्वाति कुमारी सहित संस्थान के कई अन्य चिकित्सक और अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने इस पहल की सराहना की और इसे क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में एक मील का पत्थर बताया।

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