शराब विवाद में हत्या: राजगीर के दो सहोदर को मिली उम्रकैद की सजा

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला व्यवहार न्यायालय ने शराब विवाद में हुई एक सनसनीखेज हत्या के मामले में कड़ा फैसला सुनाते हुए राजगीर के दो सगे भाइयों संजय चौधरी और पुतुल चौधरी को आजीवन कारावास की सजा दी है। दोनों भाई राजगीर थाना क्षेत्र के विस्थापित मोहल्ला के निवासी अनिल चौधरी के पुत्र हैं।
जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश दशम महावीर प्रसाद ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोनों को सश्रम आजीवन कारावास के साथ 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना न चुकाने पर प्रत्येक को तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।
इसके अलावा शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत भी दोनों को तीन-तीन वर्ष की सश्रम कारावास और दो-दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसे न चुकाने पर एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास होगा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार यह मामला शराब निर्माण और पुराने विवाद से जुड़ा है। अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए पांच गवाहों की गवाही और एपीपी सुनील कुमार सिन्हा के तर्कों ने इस मामले को मजबूत किया।
बताया गया कि दोनों आरोपित शराब निर्माण का धंधा करते थे, जिसे लेकर मृतक महेश मांझी के साथ उनका लंबे समय से विवाद चल रहा था। इसके अलावा महेश मांझी का 1200 रुपये का बकाया भी आरोपितों के पास था, जिसे लेकर तनाव और बढ़ गया।
यह घटना 8 मार्च 2023 की रात करीब 8 बजे की है। उस समय महेश मांझी अपनी पत्नी गुलाबी देवी के साथ अपने घर के बाहर रेलिंग पर खड़े थे। तभी संजय और पुतुल चौधरी पीछे से आए और महेश मांझी पर गोली चला दी।
गोली लगने से गंभीर रूप से घायल महेश को तत्काल पावापुरी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच पटना रेफर किया गया। हालांकि इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। गोली चलाने के बाद दोनों आरोपित मौके से फरार हो गए थे।
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पुख्ता सबूत और गवाहों के बयानों के आधार पर दोनों आरोपितों को दोषी साबित किया। कोर्ट ने इसे सुनियोजित और क्रूर हत्या करार देते हुए दोनों भाइयों को कठोर सजा सुनाई। यह मामला क्षेत्र में शराब माफिया और आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ एक सख्त संदेश देता है।









