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 अब सरकारी स्कूलों में मध्याहन भोजन को लेकर शिक्षा विभाग का बड़ा आदेश

नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार सरकार शिक्षा विभाग मध्याहन भोजन योजना निदेशालय के निदेशक मिथिलेश मिश्र ने सरकारी स्कूलों में बच्चों को दिये जाने वाले मध्याहन भोजन के समय निर्धारण के को लेकर बड़ा आदेश दिया है। 

श्री मिश्रा ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखा है कि निदेशक जारी ग्रीष्मकाल में आगामी 10 जून से 30 जून तक तक सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य समय-सारणी का निर्धारण किया गया है, जिसमें बच्चों को दिये जाने वाले मध्याहन भोजन की अवधि 11.30 बजे से 12.10 बजे तक निर्धारित की गई है।

लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय अवधि के पूर्व कई बच्चों द्वारा अल्पाहार नहीं करने के प्रचलन के कारण मध्याह्न भोजन के संचालन के समय में स्थानीय आवश्यकतानुसार समय निर्धारित करने की आवश्यकता महसूस की गयी है।

अतः सम्यक विचारोपरान्त निर्णय लिया गया है कि स्थानीय परिस्थिति को देखते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने जिला के विद्यालयों में बच्चों को मध्याह्न भोजन देने हेतु आवश्यकतानुसार समय निर्धारित कर सकते हैं।

अतः उपरोक्त के आलोक में निदेशानुसार विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य हेतु निर्धारित कुल अवधि में परिवर्तन किये बगैर आवश्यकतानुसार मध्याह्न भोजन दिये जाने हेतु अधिकतम 35-40 मिनट का समय का निर्धारण करना सुनिश्चित करेंगे।

जानें क्या है मध्याहन भोजन योजनाः

मध्याहन भोजन योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करना है। यह योजना बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी शिक्षा में सुधार के लिए बनाई गई है।

इस योजना का महत्वः मध्याहन भोजन योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को कम करना और उनकी उपस्थिति को बढ़ावा देना है। यह योजना बच्चों को स्कूल में आकर्षित करने में भी मदद करती है, जिससे उनकी शैक्षिक प्रगति में सुधार होता है।

योजना की शुरुआत और विकासः मध्याहन भोजन योजना की शुरुआत 1995 में हुई थी। प्रारंभ में, यह योजना प्राथमिक स्कूलों में लागू की गई थी, लेकिन बाद में इसे मध्य विद्यालयों तक विस्तारित किया गया। इस योजना के तहत बच्चों को मुफ्त भोजन प्रदान किया जाता है, जिसमें आवश्यक पोषक तत्व शामिल होते हैं।

योजना की सफलताः मध्याहन भोजन योजना की सफलता का मुख्य कारण इसका व्यापक कार्यान्वयन और निगरानी है। इस योजना के तहत बच्चों को नियमित रूप से पौष्टिक भोजन मिलता है, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक विकास में सुधार होता है।

इस प्रकार मध्याहन भोजन योजना न केवल बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है बल्कि उनकी शैक्षिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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