अब अरवल-फरक्का NH-33 बनेगा फोर लेन, बिहारशरीफ-अरवल की घटेगी दूरी

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। अरवल-फरक्का राष्ट्रीय उच्च मार्ग-33 (NH-33) के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। यह सड़क टू लेन से फोर लेन में तब्दील होने जा रही है। यह सड़क जहानाबाद और बिहारशरीफ से होकर गुजरती है, और इसके चौड़ीकरण से बिहार के तीन जिलों अरवल, जहानाबाद और नालंदा के दर्जनों गांवों को सीधा लाभ मिलेगा। करीब 2300 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस फोर लेन सड़क से न केवल यात्रा का समय बचेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी नया आयाम मिलेगा।
अरवल से बिहारशरीफ की दूरी 89 किलोमीटर है। वर्तमान में इस टू लेन सड़क पर यात्रा करने में कम से कम दो से ढाई घंटे लगते हैं। लेकिन फोर लेन सड़क बनने के बाद यह दूरी मात्र एक से डेढ़ घंटे में तय की जा सकेगी। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है डोभी-गया-पटना सिक्स लेन सड़क।
पहले जहानाबाद से पटना पहुंचने में कम से कम दो घंटे लगते थे, लेकिन अब सिक्स लेन सड़क बनने के बाद यह दूरी केवल 45 मिनट में तय हो रही है। इसी तरह गया से पटना की दूरी भी डेढ़ घंटे में पूरी हो रही है। फोर लेन सड़क के निर्माण से गाड़ियां फर्राटे भरेंगी, जिससे यात्रियों को सुविधा और समय की बचत होगी।
इस सड़क के चौड़ीकरण से अरवल, जहानाबाद और नालंदा जिलों के दर्जनों गांवों को सीधा लाभ मिलेगा। सड़क किनारे बसे गांवों में न केवल आवागमन आसान होगा, बल्कि उद्योग-धंधों को भी बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय व्यापारियों, किसानों और छोटे-मोटे उद्यमियों के लिए यह सड़क विकास का नया द्वार खोलेगी। बेहतर कनेक्टिविटी से स्थानीय उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।
यह सड़क न केवल बिहार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह झारखंड और पश्चिम बंगाल को भी जोड़ती है। अरवल-फरक्का राष्ट्रीय उच्च मार्ग-33 के फोर लेन में तब्दील होने से तीन राज्यों की आबादी को लाभ मिलेगा। चाहे वह व्यापार हो, पर्यटन हो या रोजमर्रा की यात्रा। इस सड़क के चौड़ीकरण से इन सभी क्षेत्रों में सुगमता आएगी। खास तौर पर बिहारशरीफ जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के शहर को अब और बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस फोर लेन सड़क के निर्माण से क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलेगी। सड़क किनारे बसे गांवों में बुनियादी ढांचे का विकास होगा। जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। यह सड़क न केवल समय और दूरी को कम करेगी, बल्कि यह बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।









