बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। अब बिहार में भूमि विवाद समाधान के लिए राज्य सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू की है। अब प्रत्येक शनिवार को सभी अंचल कार्यालयों में थाना प्रभारी और अंचल अधिकारी की संयुक्त बैठक आयोजित होगी। इस बैठक में राजस्व अधिकारी और सभी राजस्व कर्मचारी भी उपस्थित रहेंगे। यह कदम जमीन विवादों को कम करने और स्थानीय स्तर पर त्वरित समाधान सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नई व्यवस्था के तहत थाना स्तर पर थाना प्रभारी स्वयं बैठक में हिस्सा लेंगे। यदि किसी कारणवश उनकी अनुपस्थिति हो तो अतिरिक्त थाना प्रभारी उनकी जगह उपस्थित रहेंगे। पहले ऐसी बैठकें थानों में आयोजित होती थीं, लेकिन अंचल अधिकारियों और थाना प्रभारियों के बीच आपसी विवाद के कारण ये बैठकें लगभग बंद हो गई थीं।
इस समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने नई नीति बनाई, जिसमें यह ध्यान रखा गया कि एक अंचल में एक से अधिक थाने हो सकते हैं। ऐसे में थाना स्तर की बैठकों में अंचल अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण था।
राज्य सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि किसी जमीन विवाद के समाधान के लिए स्थल भ्रमण की आवश्यकता होगी तो थाना और अंचल कार्यालय संयुक्त रूप से इसकी व्यवस्था करेंगे।
इस दौरान थाना प्रभारी और अंचल अधिकारी स्वयं मौके पर मौजूद रहेंगे। ताकि सभी तथ्यों की सटीक जानकारी प्राप्त हो और बाद में निर्णय लेते समय किसी प्रकार की अस्पष्टता न रहे। यह कदम न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, बल्कि विवादों के निपटारे में भी तेजी लाएगा।
नई व्यवस्था में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि शनिवारीय बैठक के दौरान किसी मामले में शांति भंग होने की संभावना दिखे तो तत्काल अनुमंडल पदाधिकारी को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि विवाद गंभीर होने से पहले ही उसका समाधान हो जाए।
बिहार में जमीन विवाद लंबे समय से एक गंभीर समस्या रही है, जो कई बार सामाजिक तनाव और हिंसा का कारण बनती है। इस नई व्यवस्था से न केवल प्रशासनिक समन्वय में सुधार होगा, बल्कि आम लोगों को भी अपने विवादों के समाधान के लिए एक सुगम और पारदर्शी मंच मिलेगा।
स्थानीय स्तर पर थाना और अंचल अधिकारियों की संयुक्त भागीदारी से यह उम्मीद की जा रही है कि जमीन से जुड़े मामलों का निपटारा तेजी से होगा, जिससे लोगों का प्रशासन पर भरोसा और मजबूत होगा। यह व्यवस्था नालंदा जिले सहित पूरे बिहार में प्रभावी ढंग से लागू होने की उम्मीद है, जिससे आम लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।









