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अब यूं बदला सरकारी स्कूलों का निरीक्षण पैटर्न-फॉर्मेट, यूं औचक जांच से होगी सख्त निगरानी

Now the inspection pattern of government schools has changed like this, strict monitoring will be done through surprise inspection
Now the inspection pattern of government schools has changed like this, strict monitoring will be done through surprise inspection

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उनके निरीक्षण  पैटर्न और फॉर्मेट में बड़ा बदलाव किया है। अब स्कूलों का रूटीन निरीक्षण नहीं होगा, बल्कि औचक निरीक्षण किया जाएगा। शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार संबंधित अधिकारियों को एक दिन पहले रात 9 बजे एसएमएस के जरिए बताया जाएगा कि उन्हें अगले दिन किस स्कूल का निरीक्षण करना है।

औचक निरीक्षण का फैसला: अब स्कूलों के लिए कोई तयशुदा निरीक्षण रोस्टर नहीं बनेगा। स्कूलों का चयन शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा किया जाएगा।

सीमित अधिकारी ही करेंगे निरीक्षण: आउटसोर्सिंग और अल्प संविदा पर नियुक्त कर्मियों को निरीक्षण कार्य से मुक्त कर दिया गया है। अब निरीक्षण का जिम्मा सिर्फ छह अधिकारियों– डीईओ, डीपीओ, पीओ, बीईओ, एडीपीसी और एपीओ के पास रहेगा।

महीने में कम से कम 25 निरीक्षण अनिवार्य: प्रत्येक निरीक्षण अधिकारी को हर महीने कम से कम 25 स्कूलों का निरीक्षण करना होगा।

नई रिपोर्टिंग प्रणाली: निरीक्षण के दौरान विद्यालय की बुनियादी जानकारी, कमरों की संख्या और स्थिति, शौचालय, पुस्तकालय, आईसीटी लैब, प्रयोगशाला, बेंच-डेस्क की स्थिति, निर्माण कार्य, एफएलएन किट, बच्चों का नामांकन व उपस्थिति, यूनिफॉर्म, परीक्षा व्यवस्था और लागू योजनाओं की स्थिति दर्ज करनी होगी।

सख्त अनुशासन: किसी भी निरीक्षण अधिकारी द्वारा झूठी या भ्रामक रिपोर्टिंग पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

इस नए बदलाव के तहत शिक्षा विभाग ने निगरानी को मजबूत बनाने के लिए अपर सचिव अनिल कुमार को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि निरीक्षण की प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए।

अब सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए उठाया गया यह कदम कितना प्रभावी रहेगा, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन इस तरह के औचक निरीक्षण से शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जरूर बढ़ गई है।

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