बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के तबादलों को लेकर एक नई पहल की है। अब कार्य के लिए सॉफ्टवेयर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर का उद्देश्य शिक्षकों के स्थानांतरण को पूरी पारदर्शिता और सुव्यवस्थित तरीके से करना है। यह सॉफ्टवेयर विशेष रूप से उन शिक्षकों के तबादलों के लिए तैयार किया गया है, जो दूरी के आधार पर स्थानांतरित किए जाएंगे।
शिक्षा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि सॉफ्टवेयर की ट्रायल प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है, और इसके तहत रिक्तियों और अन्य संबंधित तथ्यों को सॉफ्टवेयर में फीड किया जा रहा है। इस कदम के तहत जिलेवार रिक्तियों की जानकारी जुटाई जा रही है। ताकि तबादलों के लिए डेटा सही और सटीक हो। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से स्कूलवार रिक्तियां मांगी गई हैं और इन सूचनाओं को जल्द ही सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। सॉफ्टवेयर के माध्यम से पूरी प्रक्रिया की गोपनीयता बरकरार रखते हुए तबादले किए जाएंगे।
सॉफ्टवेयर की विशेषता यह है कि जिले स्तर पर तबादला प्रक्रिया के दौरान संबंधित डीइओ को यह नहीं पता होगा कि वह जिस शिक्षक का तबादला कर रहे हैं, वह कौन है। इस व्यवस्था से पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।
हालांकि इस पूरी कवायद के लिए विभाग को कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा है। पिछले कुछ महीनों में कई शिक्षक रिटायर हो गए हैं। कुछ का निधन हो चुका है और बीपीएससी वन और टू के अंतर्गत बड़ी संख्या में शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी है। इन सभी रिक्तियों का सही आंकड़ा जुटाना विभाग के लिए कठिन कार्य बन गया है। लेकिन अब यह चुनौती धीरे-धीरे हल हो रही है।
बता दें कि फिलहाल केवल कैंसर के आधार पर 35 शिक्षकों के तबादले किए गए हैं। इसके बाद बीपीएससी परीक्षा पास शिक्षकों, नियोजित शिक्षकों और अन्य श्रेणियों के तबादले किए जाएंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया था कि यह सॉफ्टवेयर विशेष रूप से दूरी के आधार पर तबादला करने के लिए विकसित किया गया है।
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