Online attendance: विभाग को यूं धोखा दे रहे हैं सरकारी स्कूलों के सैकड़ों शिक्षक

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। विभागीय सख्ती के बावजूद सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी (Online attendance) को लेकर बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई है। ई-शिक्षाकोष के माध्यम से समय पर शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की पहल का कई शिक्षकों ने गलत फायदा उठाया है। विभागीय रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जिले के 363 शिक्षक स्कूल परिसर में उपस्थित हुए बिना दूसरी जगह से ही ‘मार्क ऑन ड्यूटी’ के रूप में हाजिरी दर्ज कर रहे हैं।
खबरों के अनुसार यह गड़बड़ी तब उजागर हुई जब डीईओ आनंद विजय ने ई-शिक्षाकोष सिस्टम से शिक्षकों की लोकेशन-आधारित ऑनलाइन उपस्थिति का बारीकी से निरीक्षण कराया। कई बार ऐसी अनियमितता पकड़े जाने के बावजूद कठोर कार्रवाई नहीं किए जाने से शिक्षक-कर्मियों में मनमानी बढ़ती ही चली गई है।
सूत्र बताते हैं कि कई विद्यालयों में प्राचार्य व शिक्षक बच्चों की उपस्थिति बढ़ाकर मध्याह्न भोजन की राशि व खाद्यान्न की अनियमित खपत जैसे मामलों में भी पहले फंस चुके हैं। बीच-बीच में कार्रवाई होने के बावजूद गलत हाजिरी दर्ज करने की प्रवृत्ति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।
शिक्षा विभाग के भीतर यह भी बड़ा सवाल है कि 31 अक्टूबर 2025 को डीईओ द्वारा सभी प्रतिनियुक्त शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द कर दिए जाने के बाद भी इतनी बड़ी संख्या में शिक्षक आखिर दूसरी जगह से उपस्थिति कैसे दर्ज कर रहे हैं? क्या देर से स्कूल पहुंचने और मनमानी का खेल अभी भी जारी है?
मामले की गंभीरता को देखते हुए डीईओ ने संबंधित 363 शिक्षकों से तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। स्पष्टीकरण बीईओ के माध्यम से साक्ष्य सहित जिला शिक्षा कार्यालय में जमा करना होगा। डीईओ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिला, तो कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
फिलहाल जिले में इस खुलासे के बाद शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। शिक्षा विभाग यदि ‘मार्क ऑन ड्यूटी’ हाजिरी की नियमित समीक्षा करता रहे तो इस तरह की अनियमितता पर काफी हद तक रोक लग सकती है।









