राजगीर में ओपन जिम बन गए कबाड़! सरकारी लूट-लापरवाही का बड़ा खुलासा

राजगीर (नालंदा दर्पण)। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थली राजगीर शहर के लोगों को स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से नगर परिषद द्वारा विभिन्न वार्डों में करोड़ों रुपये की लागत से लगाए गए ओपन जिम अब सरकारी लापरवाही और उपेक्षा की जीती-जागती मिसाल बनते दिख रहे हैं।
शुरूआत में इन जिमों को लेकर बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन महज दो महीनों में ही इनकी हालत इतनी खराब हो गई है कि लोग इन तक पहुंचना भी नहीं चाहते।
उदाहरण के लिए गढ़ महादेव मंदिर के पास स्थापित ओपन जिम तो पूरी तरह टूट-फूट चुका है। वहीं कई जिम ऐसे इलाकों में लगा दिए गए हैं, जहां लोगों की आवाजाही लगभग शून्य है यानि खेत-खलिहान, निर्जन स्थान और सुनसान सड़कों के किनारे। नतीजा, उपयोग कम और क्षति ज्यादा।
उपकरण खुले में पड़े हैं। इनका न तो रख-रखाव हो रहा है और न ही सुरक्षा की कोई व्यवस्था है। मशीनें जंग खा चुकी हैं। स्क्रू ढीले हो गए हैं और कुछ उपकरण टूटकर अपनी अंतिम अवस्था में पहुंच चुके हैं। शहरवासियों का कहना है कि नगर परिषद द्वारा न तो नियमित निरीक्षण किया जा रहा है और न ही मरम्मत का कोई प्रयास।
अब बड़ा सवाल यह है कि जनता के स्वास्थ्य के नाम पर खर्च की गई यह करोड़ों की राशि आखिर किसके हित में लगी? जनता के वास्तविक उपयोग के लिए या फिर फाइलों में उपलब्धि दिखाने के लिए?
राजगीर नगर परिषद की इस उदासीनता ने एक बार फिर सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।









