नालंदा के सभी प्रखंडों में 15 नवंबर से धान खरीद शुरु, MSP बढ़ोतरी से किसान गदगद

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। खरीफ विपणन मौसम 2025-26 का आगाज होने वाला है और नालंदा जिले के किसानों के लिए यह मौसम खुशियों भरा साबित होने जा रहा है। जिले के सभी प्रखंडों में 15 नवंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी, जिससे हजारों किसानों को उनकी मेहनत का उचित फल मिलेगा।
जिला सहकारिता विभाग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में हुई बढ़ोतरी ने किसानों में उत्साह की लहर दौड़ा दी है। इस वर्ष साधारण धान 2,369 रुपये प्रति क्विंटल और ‘ग्रेड-ए’ धान 2,389 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। यह पिछले वर्ष की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है, जो किसानों की आय को मजबूत बनाएगी।
जिला सहकारिता पदाधिकारी के अनुसार धान अधिप्राप्ति का कार्य 15 नवंबर 2025 से शुरू होकर 28 फरवरी 2026 तक चलेगा। विभाग ने जिले भर में 156 पैक्स (प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों) का चयन किया है, जहां से खरीद की जाएगी। इन समितियों के अध्यक्षों को सहकारी बैंक के माध्यम से कैश क्रेडिट की सुविधा प्रदान की जा रही है, ताकि खरीद प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के सुचारु रूप से चले।
पदाधिकारी ने बताया कि हमने सभी प्रखंडों में केंद्रों की व्यवस्था कर ली है। किसानों को कोई असुविधा नहीं होगी। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी केवल निबंधित किसानों से ही धान खरीदा जाएगा। रैयत किसानों से अधिकतम 250 क्विंटल और गैर-रैयत किसानों से 100 क्विंटल तक धान की खरीद होगी। यह सीमा किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ कालाबाजारी पर अंकुश लगाने का भी प्रयास है।
निबंधन प्रक्रिया अभी से शुरू हो चुकी है और जिला सहकारिता विभाग ने सभी प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों से अपील की है कि अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक से अधिक किसानों का पंजीकरण कराएं। पदाधिकारी ने जोर देकर कहा कि धान अधिप्राप्ति सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलता है और वे बिचौलियों के चंगुल से बचते हैं।
हालांकि, कुछ प्रखंडों में निबंधन की रफ्तार धीमी है। अब तक 50 से कम किसानों का निबंधन कराने वाले प्रखंड पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। विभाग का लक्ष्य है कि जिले के हर कोने से किसान इस योजना का लाभ उठाएं। किसान अपने नजदीकी पैक्स या सहकारिता कार्यालय में जाकर आसानी से निबंधन करा सकते हैं। आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और भूमि संबंधी प्रमाण पत्र शामिल हैं।
इस वर्ष MSP में हुई वृद्धि केंद्र सरकार की किसान-केंद्रित नीतियों का प्रमाण है। साधारण धान के लिए 2,369 रुपये और ग्रेड-ए के लिए 2,389 रुपये प्रति क्विंटल की दर न केवल मुद्रास्फीति को ध्यान में रखती है, बल्कि किसानों की लागत को भी कवर करती है। नालंदा जैसे कृषि प्रधान जिले में धान मुख्य फसल है और यह बढ़ोतरी स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देगी। किसान अब अपनी उपज को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाते हुए सरकारी केंद्रों पर बेच सकेंगे।
जिले के विभिन्न प्रखंडों जैसे बिहारशरीफ, हरनौत, राजगीर, इस्लामपुर और चंडी में तैयारी जोरों पर है। किसान संघों ने इसे स्वागतयोग्य कदम बताया है। हालांकि, निबंधन में देरी और जागरूकता की कमी कुछ चुनौतियां हैं, जिन्हें विभाग दूर करने में जुटा है।
धान अधिप्राप्ति न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि खाद्य सुरक्षा में भी योगदान देगी। जिला प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे समय रहते निबंधन कराएं और 15 नवंबर से शुरू होने वाली खरीद का पूरा लाभ उठाएं। नालंदा दर्पण की टीम किसानों की हर खबर पर नजर रखेगी। यदि आप भी इस योजना से जुड़ी कोई जानकारी साझा करना चाहें तो संपर्क करें।









