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Rural Justice System: नालंदा में 64 न्याय मित्र और 68 कचहरी सचिव का पद खाली

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले की ग्रामीण न्याय प्रणाली (Rural Justice System) को सुदृढ़ करने के प्रयासों को रिक्त पदों ने गंभीर रूप से प्रभावित किया है। जिले में कुल 230 पदों में से 64 न्याय मित्र और 68 ग्राम कचहरी सचिव के पद खाली पड़े हैं। यह स्थिति न केवल न्याय व्यवस्था की प्रक्रिया को बाधित कर रही है बल्कि ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर त्वरित न्याय प्रदान करने की अवधारणा को भी कमजोर कर रही है।

बता दें कि ग्राम न्याय प्रणाली में न्याय मित्र और कचहरी सचिव दोनों की भूमिका अहम होती है। न्याय मित्र कानूनी निर्णयों में सहायता प्रदान करते हैं, जबकि कचहरी सचिव कचहरी की प्रशासनिक और न्यायिक प्रक्रियाओं को सुचारू रखने का काम करते हैं। इन दोनों पदों के खाली होने से कानूनी फैसलों की गुणवत्ता और दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया में रुकावट आ रही है। सबसे अधिक रिक्तियां बिहारशरीफ और रहुई प्रखंडों में देखी गई हैं। यहां आठ-आठ न्याय मित्र के पद खाली हैं। जबकि नूरसराय प्रखंड में आठ कचहरी सचिव के पद रिक्त हैं।

पिछले जनवरी से जिले में ग्राम कचहरी की सुनवाई प्रक्रिया ऑनलाइन की जा चुकी है। लेकिन इन रिक्तियों के कारण ग्राम कचहरी की निर्धारित समय सीमा में सुनवाई की व्यवस्था बाधित हो रही है। न्याय मित्र और कचहरी सचिव की आवश्यकता इस नए ऑनलाइन सिस्टम के लागू होने के बाद से और भी अधिक हो गई है।

क्योंकि ग्राम कचहरी में सरपंच जज की भूमिका में होते हैं और उप सरपंच व पंच सदस्य होते हैं। न्याय मित्र ग्रामीण न्याय प्रणाली में कानूनी निर्णय लेने, विवादों के समाधान में सहायता करने और कानूनी जागरूकता फैलाने का कार्य करते हैं। वे ग्रामीण जनता की कानूनी समस्याओं में मदद करते हैं और छोटे-मोटे विवादों को सुलझाने में समझौता करवाने की कोशिश करते हैं।

दूसरी ओर ग्राम कचहरी सचिव का मुख्य कार्य ग्राम कचहरी के दैनिक कार्यों को संचालित करना और ग्रामीणों को त्वरित न्याय उपलब्ध कराना होता है। सचिव ग्रामीण न्याय प्रणाली का प्रशासनिक सेतु होते हैं, जो पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं का प्रचार और कार्यान्वयन सुनिश्चित करते हैं।

ग्राम कचहरी सचिव के पद पर रिक्तियां होने से कचहरी के मामलों का रिकॉर्ड रखना और दस्तावेजों को व्यवस्थित करना भी प्रभावित हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी जागरूकता का अभाव और सरकारी योजनाओं की जानकारी की कमी भी इन पदों के न भरे जाने से उत्पन्न हो रही है।

इन पदों की रिक्तता न केवल न्याय प्रणाली की दक्षता को प्रभावित कर रही है, बल्कि ग्रामीण जनता को न्याय और उनके कानूनी अधिकारों से वंचित कर रही है। सरकार और प्रशासन को इस समस्या का जल्द समाधान करना होगा ताकि ग्रामीण न्याय प्रणाली मजबूत और प्रभावी रूप से कार्य कर सके।

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