बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण डेस्क)। आदर्श आचार संहिता के अनुपालन को लेकर निविदा के बावजूद बालू घाटों से बालू उठाव शुरू नहीं हो पाया था, लेकिन अब जल्द हीं जिले में बालू खनन का काम शुरू हो सकता है।
साथ हीं रॉयल्टी नहीं जमा करने वाले चिमनी भट्ठा संचालकों पर कार्रवाई करने की तैयारी भी चल रही है। जल्द हीं ऐसे चिमनी संचालकों पर मुकदमा दर्ज होगा जिन्होंने खनन राजस्व जमा नहीं किया है।
बता दें कि नालंदा जिले में पिछले साढ़े चार साल से बालू का खनन कार्य बंद है। दिसंबर 2019 में बालू का खनन बंद कर दिया गया था। उसके बाद कई बार बालू घाटों की नीलामी करने का प्रयास किया गया। 2022 में घाटों की नीलामी का प्रयास विफल हो गया। उसके बाद लॉकडाउन के कारण इसपर काम आगे नहीं बढ़ पाया।
दिसंबर 2022 में बालू घाटों के 17 समूह (24) घाटों को चिन्हित कर नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गयी। कई बार के प्रयास के बाद बालू घाटों के नौ समूह की नीलामी हो पायी। इसके बाद पर्यावरणीय स्वीकृति का पेंच फंस गया। करीब एक महीना पहले वह भी हो गया। इसके बाद आदर्श आचार संहिता व चुनाव के कारणों से बालू खनन शुरू नहीं हो पाया। जल्द ही इसके शुरू होने की संभावना है। इससे आमलोगों की जेब पर पड़ रहा बोझ कम जाएगा।
चिमनी भट्ठा संचालकों पर मुकदमे की तैयारीः ईंट-भट्ठा संचालकों को हर साल मिट्टी खनन व अन्य कामों के लिए खनन विभाग को रॉयल्टी देना पड़ता है। मार्च तक रॉयल्टी जमा करने का समय रहता है।
इसके बाद रॉयल्टी जमा करने पर जुर्माना भरना पड़ता है। यह रॉयल्टी का 10 से 50 प्रतिशत तक हो सकता है। जून महीने में यह रॉयल्टी बढ़कर 100 प्रतिशत हो जाती है। यानी दो गुनी रॉयल्टी देनी पड़ती है।
इसके अलावा संचालकों पर एफआईआर भी की जाती है। विभाग रॉयल्टी जमा नहीं करने वाले संचालकों की पहचान कर इनपर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इससे उनके भीच हड़कंप मच गया है।
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