फीचर्डखोज-खबरनालंदाशिक्षा

छात्रों की पढ़ाई को रोचक सरल बना रही है सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के सरकारी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई को लेकर एक नया अध्याय शुरू हो चुका है। बिहार शिक्षा विभाग ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जिले के सभी 282 स्कूलों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की है। यह पहल न केवल छात्रों के लिए पढ़ाई को रोचक और सरल बना रही है, बल्कि उनके शैक्षणिक प्रदर्शन में भी उल्लेखनीय सुधार ला रही है।

स्मार्ट क्लास के माध्यम से छात्र-छात्राएं टेलीविजन और डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे यूट्यूब और अन्य ऑनलाइन संसाधनों के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं। यह तकनीकी नवाचार छात्रों को जटिल अवधारणाओं को दृश्य-श्रव्य माध्यम से समझने में मदद कर रहा है।

विभागीय समीक्षा में यह स्पष्ट हुआ है कि स्मार्ट क्लास की शुरुआत के बाद से छात्रों के परीक्षा परिणामों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। इस सफलता को देखते हुए जिला शिक्षा विभाग ने स्मार्ट क्लास के संचालन को और प्रभावी बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।

जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) आनंद विजय ने स्मार्ट क्लास की गुणवत्ता और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक मॉनिटरिंग योजना तैयार की है। इसके तहत जिले के सभी 20 प्रखंडों में अनुकरण टीमों का गठन किया गया है।

प्रत्येक प्रखंड में नोडल शिक्षकों को नियुक्त किया गया है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में स्मार्ट लाइव क्लास के संचालन की नियमित निगरानी करेंगे। छोटे प्रखंडों में एक और बड़े प्रखंडों में दो नोडल शिक्षक यह जिम्मेदारी संभालेंगे।

नोडल शिक्षकों का मुख्य कार्य प्रतिदिन स्मार्ट क्लास के संचालन की स्थिति पर नजर रखना और इसकी विस्तृत रिपोर्ट जिला शिक्षा कार्यालय को उपलब्ध कराना है। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि स्मार्ट क्लास का संचालन निर्बाध रूप से हो और छात्रों को इसका अधिकतम लाभ मिले।

जिला शिक्षा पदाधिकारी अऩुसार स्मार्ट लाइव क्लास की सफलता स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा है कि स्मार्ट क्लास के माध्यम से हम बच्चों को आधुनिक और प्रभावी शिक्षा प्रदान कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए नियमित मॉनिटरिंग बेहद जरूरी है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले के हर स्कूल में स्मार्ट क्लास का संचालन सुचारू रूप से हो और इसका लाभ प्रत्येक छात्र तक पहुंचे।

स्मार्ट क्लास की शुरुआत ने नालंदा के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के परिदृश्य को बदल दिया है। छात्र अब पारंपरिक ब्लैकबोर्ड और किताबों तक सीमित नहीं हैं। डिजिटल माध्यमों के जरिए वे विज्ञान, गणित और अन्य विषयों को रुचिकर और इंटरैक्टिव तरीके से सीख रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि इस तकनीक ने छात्रों की जिज्ञासा और सीखने की रुचि को बढ़ाया है।

हालांकि स्मार्ट क्लास की शुरुआत एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसके सामने कुछ चुनौतियां भी हैं, जैसे बिजली की उपलब्धता, इंटरनेट कनेक्टिविटी और शिक्षकों का तकनीकी प्रशिक्षण। इन समस्याओं के समाधान के लिए जिला शिक्षा विभाग ने विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं। ताकि शिक्षक डिजिटल उपकरणों का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें। साथ ही स्मार्ट क्लास के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने की योजना भी बनाई जा रही है।

नालंदा जिला शिक्षा विभाग का लक्ष्य स्मार्ट क्लास को और अधिक प्रभावी बनाना है। भविष्य में विभाग की योजना है कि सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लास के लिए उन्नत तकनीकी उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। इसके अलावा नियमित फीडबैक और मूल्यांकन के माध्यम से इस प्रणाली को और बेहतर किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

error: Content is protected !!