चंडी (नालंदा दर्पण)। बिहार के नालंदा जिले के चंडी प्रखंड के भासीन बिगहा सरकारी स्कूल की कीचड़मय तस्वीर सोचने पर मजबूर कर देती है। बीस साल से सुशासन और शिक्षा के प्रतीक बने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह विधानसभा क्षेत्र हरनौत में बच्चों को स्कूल तक पहुंचने के लिए पानी और कीचड़ से भरे रास्तों से गुजरना पड़ता है।
इस तस्वीर में दर्जनों बच्चे नीले पोशाक में अपने कदमों से कीचड़ को रौंदते हुए स्कूल की ओर बढ़ रहे हैं, जबकि कुछ शिक्षक और अभिभावक भी उनके साथ हैं।
यह दृश्य उस क्षेत्र की वास्तविकता को बयान करता है, जहां सुविधाओं का अभाव बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़ा करता है। कीचड़ में सनी इन नन्ही टांगों को देखकर मन में एक सवाल उठता है कि क्या ये बच्चे, जो देश का भविष्य हैं, ऐसे ही हालात में अपनी पढ़ाई जारी रख पाएंगे?
स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के दिनों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, जिससे बच्चों को न सिर्फ परेशानी होती है, बल्कि बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
एक बच्चे ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि हम नेता नहीं हैं जो हेलिकॉप्टर से जाएंगे, हम तो कीचड़ में चलकर देश का भविष्य बनाएंगे। यह बयान बच्चों की मासूमियत और जुझारूपन को दर्शाता है, लेकिन साथ ही यह भी सवाल छोड़ जाता है कि क्या सरकार इस समस्या का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाएगी?
स्कूल प्रशासन ने इस मुद्दे को जिला प्रशासन के सामने उठाया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे बच्चों की मेहनत और हौसले को सलाम करनी चाहिए, जो विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षा की राह पर अग्रसर हैं। क्या यह तस्वीर नीति-निर्माताओं के लिए एक सबक होगी?









