बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ शहर में बाबा मखदूम साहब की मजार तक पहुंच को आसान बनाने के लिए एक बड़ी परियोजना की शुरुआत होने जा रही है। लगभग 17.50 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अलीनगर से बिहारशरीफ पूर्वी बाइपास तक सड़क चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना से न केवल आवागमन में सुविधा होगी, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी नई गति मिलेगी।
ग्रामीण कार्य विभाग ने इस परियोजना के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। विभाग द्वारा सड़क का निरीक्षण और सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है। सर्वेक्षण टीम ने एक सत्यापित रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है, जिसके आधार पर प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल चुकी है। निविदा प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द ही इस योजना पर काम शुरू होने की उम्मीद है। इस परियोजना के तहत सड़क को सात मीटर चौड़ा किया जाएगा। इससे यातायात सुगम होगा और लोगों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी।
यह परियोजना कई महत्वपूर्ण सड़क खंडों को जोड़ेगी। ग्रामीण कार्य विभाग की नई अनुरक्षण नीति योजना के तहत एनएच-31 से तुंगी तक निर्मित 3 किलोमीटर लंबे पथ का एक हिस्सा (शून्य किलोमीटर से 1.8 किलोमीटर तक) शामिल है। इस खंड को फोर-लेन करने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत एनएच-31 तुंगी रोड से पहड़पुरा महादलित टोला तक 500 मीटर लंबी सड़क भी इस परियोजना का हिस्सा है। इस सड़क की अनुरक्षण अवधि 3 मार्च 2025 को समाप्त हो चुकी है।
नगर निगम के अधीन आरडब्लूडी पथ से बड़ी दरगाह तक 500 मीटर लंबी सड़क पर काम के लिए नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना जरूरी होगा। सभी प्रस्तावित सड़कों में 13.75 मीटर ऊंचाई का कैरिज-वे उपलब्ध है। लेकिन सात मीटर चौड़ाई में कैरिज-वे बनाने के लिए लगभग 93.35 डिसमील जमीन का अधिग्रहण करना होगा।
भूमि अधिग्रहण के लिए करीब 6.07 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके अलावा एनएच-20 से एनएच-82 बाइपास तक सड़क चौड़ीकरण की योजना है। इसकी कुल लंबाई 2.8 किलोमीटर होगी। इस खंड के निर्माण और सात वर्षीय अनुरक्षण अवधि के साथ लागत 10.15 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस तरह भूमि अधिग्रहण, निर्माण और अनुरक्षण को मिलाकर कुल लागत 16.22 करोड़ रुपये होगी। हालांकि परियोजना की कुल अनुमानित लागत 17.50 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।
इस सड़क चौड़ीकरण के पूरा होने से यातायात का दबाव कम होगा और लोग प्रस्तावित मार्ग का आसानी से उपयोग कर सकेंगे। बाबा मखदूम साहब की मजार तक पहुंचने वाली यह सड़क धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस परियोजना से न केवल आवागमन सुधरेगा, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।
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