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    Sunday, December 22, 2024
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      एक साथ चार दोस्तों की उठी अर्थी, एक दिन पहले ही राजगीर थानेदार ने चेताया था

      यह घटना उसी राजगीर में हुई है, जहां एक दिन पूर्व राजगीर थानाध्यक्ष दीपक कुमार खुद घूमकर लोगों को चेता रहे थे कि ट्रिपल लोडिंग पकड़ें जाने पर बाइक पंचायत चुनाव के बाद ही छुटेगे। अपनी जान जोखिम में मत डालें

      राजगीर (नीरज कुमार)। ‘ ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेगे, तोड़ेंगे दम मगर,तेरा ना छोड़ेंगे’ किसी फिल्म की यह गीत के बोल राजगीर के उन चारों साथियों के लिए अक्षरशः सत्य साबित हुआ।

      The meaning of four friends arose together a day earlier the Rajgir SHO had warned 2दोस्ती ऐसी कि साथ जिये, साथ मरेंगे को चरितार्थ कर चले गये दीपक कुमार, शैलेश कुमार,राजन कुमार और राजू गोस्वामी।

      आज इनके घरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग मातम में है। परिजन उस घड़ी को कोस रहे हैं, जब चारों को पिकनिक जाने की सूझी।

      दीपू के परिजन सदमे में हैं कि आखिर नई बाइक क्यों खरीद कर दी। न बाइक खरीदते और न यह घटना घटती और न दीपू के साथ तीनों की मौत होती। लेकिन होनी को कौन टाल सकता है।

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      कहा जाता है कि दीपू ने नई बाइक खरीदी थी और वह अपने दोस्तों राजन, शैलेश और राजू को पार्टी देने के इरादे से पिकनिक पर ले गया था। जहां चारों ने खूब मस्ती की।

      चारों नई बाइक का मजा लेते हुए वापस राजगीर की ओर लौट रहे थे। जब वे अपने मंजिल पर पहुंचने ही वाले थे कि तभी उनकी बाइक की एक जोरदार टक्कर बस से हो गई।

      टक्कर इतना जबरदस्त था कि बाइक सीधे झाड़ी में चली गई। बस का अगला हिस्सा भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ साथ ही बस के शीशे चकनाचूर हो गया।

      The meaning of four friends arose together a day earlier the Rajgir SHO had warned 4इस हादसे में शैलेश कुमार को छोड़कर तीनों की मौत वहीं हो गई। जबकि शैलेश कुमार जिंदगी व मौत से जूझते अपनी जान दे बैठा। अपने साथी दीपक उर्फ दीपू की नई बाइक का सफर उन्हें अंतिम सफर पर लेकर चली गई।

      इस हादसे में चार अलग-अलग घरों के चिराग बुझ गये। उनके घरों में मचे कोहराम से सभी गमगीन है। जब एक साथ चारों की अर्थी उठी तो चीख पुकार मच गई। कोई अपने बेटे का लेकर रो रहा था तो कोई नई बाइक को।

      उनके मौत से गमगीन राजगीर के लोगों और दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें, प्रतिष्ठान बंद रखा है। यह घटना सबक है उन युवकों के लिए भी, जो बाइक की रफ्तार को ही अपनी जिंदगी की रफ्तार समझते हैं।

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      यह घटना उसी राजगीर में हुई है, जहां एक दिन पूर्व राजगीर थानाध्यक्ष दीपक कुमार खुद घूमकर लोगों को चेता रहे थे कि ट्रिपल लोडिंग पकड़ें जाने पर बाइक पंचायत चुनाव के बाद ही छुटेगे।

      देखा जाए तो इन दिनों जिले के सभी थाना क्षेत्र में सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। बाबजूद आज का युवा पीढ़ी चालान कटने के बाद भी बिना हेलमेट, ट्रिपल लोडिंग जैसे नियम कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

      पुलिस बाइक चालकों पर शिकंजा कसती है तो ज्यादातर इसे पुलिस की ज्यादती और तानाशाही बता दिया जाता है। लेकिन जब घटनाएं घट जाती है, तब लोगों को ऐसे हादसे से सबक लेने की जरूरत होती है लेकिन कुछ समय बाद वह भूल जाती है।

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