नालंदा में 16 फर्जी शिक्षकों की नौकरी पर लटकी निगरानी की तलवार

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे शिक्षक बनने वालों की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना ने फर्जीवाड़े की जांच के क्रम में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में कार्यरत 16 शिक्षकों को उनके दस्तावेजों के साथ पटना कार्यालय में उपस्थित होने का नोटिस जारी किया है। इन शिक्षकों पर शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों में अनियमितता बरतने का गंभीर आरोप है।
इस कार्रवाई ने जिले के शिक्षक समुदाय में हड़कंप मचा दिया है।पंचायती राज संस्था के तहत नियोजित शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच का कार्य पिछले कुछ समय से चल रहा है। इस दौरान कई मामलों में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नियुक्ति की बात सामने आई है। निगरानी विभाग ने ऐसे मामलों की गहन जांच शुरू की है और संदिग्ध शिक्षकों से उनके दस्तावेज जमा करने को कहा गया है। इसी कड़ी में 16 शिक्षक निगरानी के रडार पर आ गए हैं, जिससे जिले के शिक्षा जगत में बेचैनी का माहौल है।
डीपीओ स्थापना आनंद शंकर ने बताया कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना द्वारा भेजी गई सूची में जिले के विभिन्न विद्यालयों से 16 शिक्षकों के नाम शामिल हैं। इन शिक्षकों को मूल अंक पत्र, प्रमाणपत्र और नियोजन प्रक्रिया से संबंधित सभी दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। निगरानी की टीम प्रारंभिक जांच के बाद अब दस्तावेजों के सत्यापन के लिए इन शिक्षकों को तलब कर रही है।
जानकारी के अनुसार जांच के दौरान कई शिक्षकों के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए हैं। कुछ डिग्रियां फर्जी या अप्रमाणित प्रतीत हो रही हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए निगरानी ने कार्रवाई को और तेज कर दिया है। अब संबंधित शिक्षकों को व्यक्तिगत रूप से बुलाकर उनके साक्ष्य की पुष्टि की जा रही है। यदि जांच में कोई शिक्षक दोषी पाया जाता है, तो उनकी सेवा समाप्त करने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
नोटिस प्राप्त करने वाले शिक्षकों में शामिल हैं:
- राजेश कुमार, प्राथमिक विद्यालय, लालू नगर, बिहारशरीफ ।
- रमेश कुमार, प्राथमिक विद्यालय, लक्षमिनिया बिगहा, नूरसराय ।
- माया कुमारी, प्राथमिक विद्यालय, नेपुरा, सिलाव ।
- जयप्रकाश निराला, उच्च माध्यमिक विद्यालय, ईसुआ, गिरियक ।
- अर्चना कुमारी, उच्च माध्यमिक विद्यालय, ईसुआ, गिरियक ।
- राजीव, उच्च माध्यमिक विद्यालय, डीहरा, चंडी ।
- ओमशंकर सिंह, उच्च माध्यमिक विद्यालय, गोनकुरा, चंडी ।
- राधा, प्राथमिक विद्यालय, लक्ष्मी बिगहा, सालेहपुर, चंडी ।
- स्वीटी कुमारी, प्राथमिक विद्यालय, भगवानपुर, चंडी ।
- पिंकी, प्राथमिक विद्यालय, गवसपुर गोंदु बिगहा, करायपरसुराय ।
- धर्मवीर कुमार, प्राथमिक विद्यालय, भैरो बिगहा, सारे, अस्थावां ।
- कुमारी अनीता राज, मध्य विद्यालय, बदरवाली, चंडी ।
- रेखा, मध्य विद्यालय, बदरवाली, चंडी ।
- विद्यार्थी कुमार, मध्य विद्यालय, अमरौरा, चंडी ।
- रणजीत कुमार, उच्च माध्यमिक विद्यालय, महकार, चंडी ।
- अखिलेश कुमार, मध्य विद्यालय, नरसंडा।
इन जिन 16 शिक्षकों को तलब किया गया है, उनमें से 9 चंडी प्रखंड से हैं। यह स्पष्ट करता है कि चंडी क्षेत्र में प्रमाणपत्रों की सत्यता को लेकर गंभीर अनियमितताएं रही हैं। इस स्थिति ने न केवल शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि अन्य शिक्षकों में भी असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है।
वहीं शिक्षा विभाग ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में दस्तावेजों की जांच और भी सख्ती से की जाएगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अब हर नियुक्ति से पहले प्रमाणपत्रों का थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। इस कदम से फर्जीवाड़े को पूरी तरह रोकने की कोशिश की जाएगी। इस कार्रवाई के बाद जिले के शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। हर कोई इस सोच में डूबा है कि अगला नोटिस किसे मिल सकता है।
बहरहाल, यह मामला नालंदा जिले में शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है। फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्तियां न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, बल्कि योग्य उम्मीदवारों के अवसरों को भी छीनती हैं। निगरानी की इस कार्रवाई से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा और शिक्षा विभाग में पारदर्शिता बढ़ेगी।









