Home नालंदा बिहारशरीफ सदर अस्पताल में हीटवेव की शिकार मरीजों की बढ़ी भीड़

बिहारशरीफ सदर अस्पताल में हीटवेव की शिकार मरीजों की बढ़ी भीड़

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बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। इन दिनों समूचे नालंदा जिले में हीटवेव की स्थिति बनी हुई है। इसीलिए सभी को सेहत के प्रति सजग रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही बरती तो स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। क्योंकि अभी भीषण गर्मी की चपेट में आकर लोग मौसमी बीमारियों से पीड़ित होकर बीमार पड़ रहे हैं।

सदर अस्पताल में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में लोग बड़ी संख्या में पहुंचकर अपनी बीमारियों का इलाज कराने में जुटे हुए हैं।

अस्पताल में इलाज कराने आने वालों में अधिकांश सर्दी खांसी, बुखार, डिहाइड्रेशन आदि की शिकायत कर रहे हैं। जिनमें युवा से लेकर, वयस्क, वृद्ध व बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा सेवा प्रदान की जा रही है। उन्हें अस्पताल के दवा वितरण काउंटर से जीवनरक्षक दवाइयां उपलब्ध करायी जा रही हैं।

डिहाइड्रेशन के तीन मरीज भर्ती: अस्पताल के ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में हरेक दिन विभिन्न रोगों के करीब चार से पांच सौ मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जिसमें प्रायः लोग सर्दी- खांसी हिडाइड्रेशन, पेचिस आदि रोगी थे।

चिकित्सकों ने इन रोगियों को चिकित्सा सेवा प्रदान की। सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में डिहाइड्रेशन के तीन रोगियों को भर्ती कर चिकित्सा सेवा प्रदान की गयी। करीब 25 से 30 मरीज पेचिस की शिकायत की। जिसका भी इलाज किया गया। उन्हें आवश्यक दवा उपलब्ध करायी गयी।

अस्पताल के आकस्मिक कक्ष में चिकित्सकों ने विभिन्न रोगों के करीब पौने दो सौ रोगियों का इलाज किया। इसी तरह ओपीडी में भी विभिन्न रोगों के करीब तीन सौ से अधिक मरीजों को चिकित्सा सेवा प्रदान की गयी। इसी तरह अस्पताल की जांच प्रयोगशाला में विभिन्न रोगों के 215 सैंपलों की जांच लैब तकनीशियनों के द्वारा की गयी। उक्त जांच निःशुल्क उपलब्ध करायी गयी।

हीट वेब से निबटने के लिए मुकम्मल व्यवस्थाः सिविल सर्जन डॉ. श्यामा राय की मानें तो हीट बेव से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से ठोस कदम उठाया गया है। सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी, अनुमंडलीय अस्पतालों रेफरल अस्पतालों तक में अलग से वार्ड बनाये गये हैं। सदर अस्पताल में दस बेड की व्यवस्था की गयी है।

सभी पीएचसी, एसडीएच, रेफरल अस्पतालों के प्रभारियों व उपाधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वार्ड को चौबीसों घंटे चिकित्सीय सुविधाओं से लैस रखें। दवा की उपलब्धता बनाये रखें। पीड़ित रोगियों को बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करें। सदर अस्पताल में आने वाले रोगियों को उपलब्ध संसाधनों से बेहतर सेवा प्रदान की जा रही है।

चिकित्सकों का कहना है कि हीटबेव से बचने के लिए दोहपर में बाहर नहीं निकलें, पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें, एक अंतराल पर रह-रहकर पानी पीयें, तरल खाद्य पदार्थ का सेवन करें, खीरा, ककड़ी, तारबूज, छाज का इस्तेमाल करें। हमेशा ताजा खाना खायें। बासी भोजन नहीं करें।

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