राजगीर (नालंदा दर्पण)। उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने राजगीर नेचर सफारी और जू सफारी का दौरा कर प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक धरोहर का निकट से अनुभव किया।
पंच पहाड़ियों के बीच बसा यह क्षेत्र अपने गौरवशाली इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। इसे देखने और अनुभव करने का अवसर पाकर गवर्नर बेहद प्रसन्न हुईं। इस सफर में उन्होंने देश के पहले स्काई ग्लास ब्रिज का आनंद लेते हुए इसे अद्भुत करार दिया।
गवर्नर ने राजगीर के उन जंगलों और प्राकृतिक संपदाओं का दौरा किया। जहां कभी मगध सम्राट बिम्बिसार के काल में भगवान बुद्ध ने भी विचरण किया था।
गवर्नर ने कहा कि राजगीर का इतिहास जितना समृद्ध है। उतना ही इसका प्राकृतिक सौंदर्य भी अद्वितीय है। उन्होंने इस प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थल को निहारते हुए इसके महत्व को भी समझा और सराहा।
वन्यप्राणी सफारी का दौरा करते हुए गवर्नर ने वन्यप्राणी संग्रहालय का भी अवलोकन किया। जो पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस दौरे के दौरान गवर्नर के साथ नालंदा जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, वन प्रमंडल पदाधिकारी, वन्यप्राणी सफारी निदेशक समेत कई अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
राजगीर की नेचर और जू सफारी का अनुभव करने के बाद गवर्नर ने नालंदा विश्वविद्यालय की अतिथिशाला में विश्राम किया। इसके बाद वे नालंदा विश्वविद्यालय और प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेषों का भ्रमण करेंगी। यह क्षेत्र बौद्ध शिक्षा और सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र माना जाता है। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
राजगीर भ्रमण के उपरांत यूपी गवर्नर का गया जाने का कार्यक्रम है। उनके इस दौरे ने न केवल स्थानीय प्रशासन और नागरिकों में उत्साह भर दिया। बल्कि इसने पर्यटकों के बीच राजगीर की ऐतिहासिक और प्राकृतिक विशेषताओं को भी उजागर किया है।
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