सर्पदंश से महिला की मौत पर हंगामा, इस्लामपुर MLA ने की कार्रवाई की मांग

इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। इस्लामपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत महरोगोरैया गांव में एक दुखद घटना ने स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया। मंगलवार की शाम शोभी यादव की 55 वर्षीय पत्नी राधा देवी सर्पदंश के कारण इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। इस घटना ने न केवल एक परिवार को शोक में डुबो दिया, बल्कि सरकारी अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए। परिजनों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया, जबकि क्षेत्रीय विधायक ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
परिजनों के अनुसार मंगलवार की शाम राधा देवी घर में पूजा कर रही थीं, तभी एक जहरीले सांप ने उन्हें डस लिया। आनन-फानन में उन्हें स्थानीय सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां कर्मचारियों ने बताया कि सर्पदंश के लिए आवश्यक एंटी-वेनम वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।
मजबूरी में परिजनों ने राधा देवी को एक निजी चिकित्सा केंद्र में भर्ती करवाया। लेकिन बाद में कुछ सहयोगियों ने सरकारी अस्पताल में संपर्क कर पता लगाया कि वैक्सीन वास्तव में उपलब्ध थी। इस जानकारी के बाद परिजन राधा देवी को दोबारा सरकारी अस्पताल ले गए, जहां इलाज शुरू किया गया। दुर्भाग्यवश इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
राधा देवी की मृत्यु के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़क उठा। लोगों का कहना था कि यदि सरकारी अस्पताल ने शुरू में ही वैक्सीन की उपलब्धता की सही जानकारी दी होती और समय पर इलाज शुरू किया होता तो शायद राधा देवी की जान बचाई जा सकती थी।
अस्पताल के कर्मचारियों पर लापरवाही और गलत सूचना देने का आरोप लगाते हुए लोगों ने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया। यह घटना एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है।
घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय विधायक राकेश कुमार रौशन अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने राधा देवी की मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह अत्यंत दुखद घटना है। अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही अस्वीकार्य है। जिला पदाधिकारी से इस मामले की गहन जांच और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
थानाध्यक्ष ने बताया कि राधा देवी के शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है। इस संबंध में चिकित्सा प्रभारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
बहरहाल, यह घटना कई महत्वपूर्ण सवाल उठाती है। सरकारी अस्पतालों में संसाधनों की कमी और कर्मचारियों की जवाबदेही का अभाव कितना बड़ा खतरा बन रहा है? क्या ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है? राधा देवी की मृत्यु एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, लेकिन यह समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए व्यवस्था में सुधार जरूरी है।









