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Viral Video: थानेदार ने युवक को पहनाई वर्दी, बेल्ट-डंडा देकर सौंपी ड्यूटी

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के बिंद थाना क्षेत्र में एक नया मामला (Viral Video) सुर्खियों में है, जहां थानाध्यक्ष चंदन कुमार ने एक स्थानीय युवक को पुलिस की वर्दी पहनाकर और डंडा-बेल्ट सौंपकर उसे थाने में ड्यूटी करने की अनुमति दी है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने न केवल स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा किया है, बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

ग्रामीणों के अनुसार बिंद गांव निवासी एक युवक थाना परिसर की सफाई से लेकर थानाध्यक्ष के निजी कार्यों, जैसे उनके कुत्ते की देखभाल तक करता है, उसे थानाध्यक्ष चंदन कुमार ने पुलिस की वर्दी पहनाई। इतना ही नहीं उसे पुलिस का डंडा और बेल्ट भी सौंपा गया, जिसके बाद वह नियमित रूप से थाने में वर्दी पहनकर ड्यूटी करता दिखाई देता है। स्थानीय लोगों का दावा है कि इस युवक को थानाध्यक्ष के निजी कार्यों के बदले प्रतिदिन मात्र 100 रुपये की राशि दी जाती है।

यह युवक न तो पुलिस बल का हिस्सा है और न ही उसका चयन किसी सरकारी प्रक्रिया के तहत हुआ है। फिर भी उसे पुलिस की वर्दी पहनने और थाने में ड्यूटी करने की अनुमति देना कई सवाल उठाता है। ग्रामीणों का कहना है कि यह न केवल पुलिस वर्दी की गरिमा का अपमान है, बल्कि कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ भी है।

बिंद थाना क्षेत्र के निवासियों ने इस मामले को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। स्थानीय निवासी रामविलास यादव ने नालंदा दर्पण से बातचीत में कहा कि थानाध्यक्ष चंदन कुमार अपनी मर्जी से थाने को चला रहे हैं। एक आम युवक को पुलिस की वर्दी पहनाकर ड्यूटी पर लगाना कहां तक उचित है? क्या पुलिस वर्दी कोई मजाक है? यह गंभीर मामला है और इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

एक अन्य ग्रामीण सुनीता देवी ने आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष ने बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के इस युवक को चौकीदार जैसी जिम्मेदारी सौंप दी है। क्या थानाध्यक्ष खुद को जिले के आला अधिकारियों से भी ऊपर समझते हैं?

बहरहाल, इस घटना का एक वीडियो, जिसमें उक्त युवक पुलिस वर्दी में थाना परिसर में डंडा लिए घूमता दिख रहा है, सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में युवक को थानाध्यक्ष के साथ बातचीत करते और उनके निर्देशों का पालन करते देखा जा सकता है। इस वीडियो ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं में भी आक्रोश पैदा किया है। कई लोगों ने टिप्पणी की है कि पुलिस वर्दी का इस तरह दुरुपयोग न केवल अनुचित है, बल्कि यह आम लोगों में पुलिस के प्रति अविश्वास को भी बढ़ाता है।

कानून विशेषज्ञों का कहना है कि किसी गैर-पुलिसकर्मी को पुलिस वर्दी पहनाने और उसे आधिकारिक उपकरण (जैसे डंडा और बेल्ट) सौंपना गंभीर अपराध हो सकता है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 171 के तहत किसी व्यक्ति द्वारा गलत तरीके से सरकारी कर्मचारी के रूप में प्रस्तुत करना या सरकारी प्रतीकों (जैसे वर्दी) का दुरुपयोग करना दंडनीय अपराध है। इसके अलावा भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 316(2) (धोखाधड़ी) और धारा 337 (जालसाजी द्वारा धोखाधड़ी) के तहत भी इस मामले में कार्रवाई हो सकती है।

नालंदा दर्पण ने इस मामले को लेकर जिला पुलिस प्रशासन से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि सूत्रों के अनुसार वायरल वीडियो के बाद जिला पुलिस अधीक्षक (SP) ने इस मामले का संज्ञान लिया है और प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं।

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