बिहार के स्कूलों में TRE-4 के तहत होगी 26,578 शिक्षकों की बहाली

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE-4) की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत 26,578 से अधिक रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जो राज्य के शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इस भर्ती में प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए शिक्षकों के पद भरे जाएंगे।

सूत्रों के अनुसार प्राथमिक और मध्य स्कूलों में कुल 10,578 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इनमें कक्षा 1 से 5 तक के लिए 5,238 और कक्षा 6 से 8 तक के लिए 5,340 पद शामिल हैं। ये सभी पद टीआरई-3 में खाली रह गए थे। जिलों से रोस्टर क्लीयरेंस का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अगले दो से चार दिनों में अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) को भेज दी जाएगी।

इस भर्ती में सर्वाधिक रिक्तियां माध्यमिक (कक्षा 9-10) और उच्च माध्यमिक (कक्षा 11-12) विद्यालयों के लिए हैं। टीआरई-3 में कक्षा 11-12 के लिए 24,841 पद प्रस्तावित थे, जिनमें से लगभग 12,000 पद ही भरे जा सके। शेष पदों के साथ-साथ कक्षा 9-10 के लिए 19,451 पदों में से 4,000 पद भी खाली रह गए। इस प्रकार टीआरई-4 में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए 15,000 से 16,000 पदों पर नियुक्तियां प्रस्तावित हैं।

पिछली शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-3) में भी कई पद खाली रह गए थे। कक्षा 1 से 5 तक के लिए 25,505 पदों में से 20,267 अभ्यर्थियों ने योगदान दिया, जबकि कक्षा 6 से 8 तक के लिए 18,973 पदों के विरुद्ध 13,633 अभ्यर्थियों ने ही योगदान दिया। इन खाली पदों को भरने के लिए टीआरई-4 की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा रहा है।

बिहार सरकार और बीपीएससी इस भर्ती प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता और गति के साथ संपन्न करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रोस्टर क्लीयरेंस के बाद अधियाचना जल्द ही बीपीएससी को सौंपी जाएगी, जिसके बाद परीक्षा की तारीखों और अन्य प्रक्रियाओं की घोषणा होने की उम्मीद है।

इस भर्ती से बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है, यह भर्ती एक नई उम्मीद लेकर आएगी। साथ ही यह उन हजारों अभ्यर्थियों के लिए भी एक सुनहरा अवसर है, जो शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं।

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