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सरकारी स्कूलों में मुफ्त IIT, JEE और NEET मॉक टेस्ट की सुविधा, जानें डिटेल

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। Free IIT, JEE and NEET mock test facility: आर्थिक तंगी अब बिहार के सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के डॉक्टर या इंजीनियर बनने के सपनों में बाधा नहीं बनेगी। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपी) ने एक अभूतपूर्व पहल शुरू की है, जिसके तहत सरकारी स्कूलों के छात्रों को आईआईटी जेईई और नीट जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग और मॉक टेस्ट की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अवसर प्रदान करना है।

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक मयंक वरवड़े ने सभी जिलों के जिला परियोजना अधिकारियों (डीपीओ) समग्र शिक्षा को 18 से 21 अगस्त तक मॉक टेस्ट आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह मॉक टेस्ट उन स्कूलों में आयोजित किए जाएंगे, जहां सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) लैब और टेस्ट ई-लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध है।

मॉक टेस्ट का शेड्यूल 18 और 19 अगस्त: आईआईटी जेईई मॉक टेस्ट और 20 और 21 अगस्त: नीट मॉक टेस्ट है। परीक्षा प्रतिदिन तीन पालियों में आयोजित होगी। पहली पाली: सुबह 9:00 बजे से 11:00 बजे तक, दूसरी पाली: सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक और तीसरी पाली: दोपहर 2:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक।

प्रत्येक पाली में छात्रों को 120 मिनट का समय दिया जाएगा, जिसमें उन्हें 100 प्रश्न हल करने होंगे। यह संरचना छात्रों को वास्तविक परीक्षा के समय प्रबंधन और दबाव को समझने में मदद करेगी।

इस मॉक टेस्ट में उन छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्होंने विज्ञान संकाय से 11वीं कक्षा उत्तीर्ण की है और वर्तमान में 12वीं कक्षा में अध्ययनरत हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि केवल गंभीर और योग्य छात्र ही इस अवसर का लाभ उठा सकें।

राज्य परियोजना निदेशक मयंक वरवड़े ने मॉक टेस्ट से पहले सभी चयनित स्कूलों में बैठने की उचित व्यवस्था और कंप्यूटरों में टेस्ट ई-लाइब्रेरी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि डिजिटल सुविधाओं के उपयोग से छात्रों को आधुनिक तकनीक के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का बेहतर अवसर मिलेगा।

पिछले मॉक टेस्ट के अनुभव का हवाला देते हुए, मयंक वरवड़े ने कहा कि कुछ जिलों में गंभीरता की कमी के कारण अपेक्षित परिणाम नहीं मिले थे। इस बार सभी जिला अधिकारियों और स्कूलों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि समय पर सभी तैयारियां पूरी की जाएं और छात्रों को इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जाए।

नालंदा जिले में राज्य निदेशक के आदेश के बाद सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों और प्रधानाध्यापकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। स्कूलों में मॉक टेस्ट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। जिला शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक छात्र इस मॉक टेस्ट में शामिल हों। ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सकें।

यह मॉक टेस्ट न केवल छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं का वास्तविक अनुभव प्रदान करेगा, बल्कि उनकी समय प्रबंधन क्षमता, प्रश्नों को हल करने की गति और आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगा। शिक्षा विभाग का मानना है कि इस तरह की पहल से सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए आईआईटी और नीट जैसी कठिन परीक्षाओं का रास्ता आसान होगा।

बहरहाल, बिहार के सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए यह पहल एक नई उम्मीद की किरण लेकर आई है। आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी के बावजूद, अब ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली छात्र भी अपने सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। यह मॉक टेस्ट न केवल उनकी प्रतिभा को निखारेगा, बल्कि उन्हें देश के शीर्ष संस्थानों में प्रवेश के लिए प्रेरित भी करेगा।

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