
हिलसा (नालंदा दर्पण)। झारखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने नालंदा जिले के हिलसा और एकंगरसराय प्रखंडों में भारी तबाही मचाई है। लोकायन नदी और महतमाइन नदी के तटबंध टूटने से 6 पंचायतों के लगभग 50 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। चिकसौरा बाजार में चार फीट तक पानी बह रहा है, जिससे सड़कों पर कटाव और भारी वाहनों का आवागमन ठप हो गया है। ग्रामीण छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं और प्रशासन की ओर से केवल सूखा राशन वितरित किया जा रहा है।
लोकायन नदी के तटबंध हिलसा प्रखंड के धुरी बिगहा और एकंगरसराय प्रखंड के लाला बिगहा के पास टूट गए हैं। इसके अलावा करायपरसुराय में महतमाइन नदी का तटबंध टूटने से मकरौता पंचायत के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। पिछले दो महीनों में यह तीसरी बार है जब लोकायन नदी में बाढ़ ने प्रखंड के पश्चिमी इलाकों को तबाह किया है। प्रभावित पंचायतों में योगीपुर, असाढ़ी, रैंडी, चिकसौरा, मिर्जापुर और कोरावां शामिल हैं।

बाढ़ ने कई गांवों को अपनी चपेट में लिया है।
- चिकसौरा पंचायत: वाजितपुर, जलालपुर, चिकसौरा बाजार, मरांची, फिरोजपुर, दल्लू बिगहा, बरियारपुर, बनवारा।
- मिर्जापुर पंचायत: चमंडी, दामोदरपुर, लुचन टोला, जमुआरा, सोहरपुर, मिर्जापुर।
- कोरावां पंचायत: धुरी बिगहा, लकड़ बिगहा, पार बिगहा, हरवंशपुर, हसनपुर, कोनियापर, फुलवरिया, कुसेता, मुरलीगढ़, छियासठ बिगहा, डोमना बिगहा।
- योगीपुर, रैंडी, और असाढ़ी पंचायत: भट्ट बिगहा, गुलनी, लालसे बिगहा, यारपुर, हैदरपुर, गजेन्द्र बिगहा, शाह बगीचा, सरदार बिगहा, पचासपर, नवगढ़, भरेती, गुलाबचक।
- मकरौता पंचायत: सदरपुर, मुसाढ़ी, कमरथू, फतेहपुर, बैरीगंज।

बाढ़ के कारण कई मुख्य सड़कें और आधा दर्जन से अधिक संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मीना बाजार से तेल्हाडा मार्ग पर तीन फीट पानी बह रहा है, जिससे बड़े वाहनों का आवागमन रविवार रात से बंद है। ग्रामीणों के अनुसार पिछले 20 वर्षों में पहली बार गांव और खंधा में इतनी भयावह बाढ़ देखी गई है। सैकड़ों एकड़ धान की फसल जलमग्न हो चुकी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
हिलसा प्रखंड के कई विद्यालयों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है। प्रभावित विद्यालयों के शिक्षकों को पास के सुरक्षित स्कूलों में स्थानांतरित किया गया है। इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दे दी गई है।
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू किए हैं, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह नाकाफी है। सूखा राशन जैसे गुड़ और चूड़ा वितरित किया जा रहा है, जो भूख मिटाने के लिए अपर्याप्त है। मिर्जापुर पंचायत के चमंडी गांव में घरों का सामान बर्बाद हो चुका है और लोग भूख से जूझ रहे हैं। तटबंध की मरम्मत में देरी के कारण पानी घरों तक पहुंचने की आशंका बढ़ रही है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से तटबंधों की तत्काल मरम्मत और पर्याप्त राहत सामग्री की मांग की है। सदरपुर गांव के निवासियों ने बताया कि महतमाइन नदी के तटबंध में 30 फीट का कटाव सोमवार सुबह हुआ, जिसे रोकने के ग्रामीण प्रयास विफल रहे। यदि मरम्मत जल्द नहीं हुई तो गांवों में पानी और बढ़ सकता है।
बहरहाल, हिलसा और एकंगरसराय में बाढ़ ने सामान्य जनजीवन को पूरी तरह ठप कर दिया है। प्रशासन के राहत कार्यों के बावजूद प्रभावित लोगों को अभी भी पर्याप्त सहायता की जरूरत है। तटबंधों की मरम्मत और बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए त्वरित कार्रवाई आवश्यक है, ताकि ग्रामीणों को इस आपदा से उबरने में मदद मिल सके।









