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हिलसा नगर में घुसा लोकाइन की बाढ़, एसयू कॉलेज का जर्जर हॉस्टल पर खतरा

हिलसा (नालंदा दर्पण)। हिलसा अनुमंडल में प्रकृति का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोकाइन नदी में दो महीनों के अंदर तीसरी बार आई बाढ़ ने पूरे क्षेत्र को तबाही की जद में ले लिया है। हिलसा, एकंगरसराय और करायपरसुराय प्रखंडों के दर्जनों गांव पानी में डूबे हुए हैं, जबकि हिलसा नगर परिषद क्षेत्र में भी बाढ़ का पानी घुस चुका है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि अनुमंडल का एकमात्र अंगीभूत कॉलेज, एसयू कॉलेज का जर्जर हॉस्टल कभी भी ढह सकता है, जो छात्रों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

लोकाइन नदी इस बार फिर उफान पर है। हिलसा प्रखंड के कोरामा पंचायत में धुरी बिगहा गांव के पास नदी का तटबंध दो महीनों में तीन बार टूट चुका है। इसकी वजह से पश्चिमी हिलसा के कई गांवों धुरी बिगहा, छियासठ बिगहा, फुलवरिया, लक्कड़ बीघा, कुसेता, डोमना बिगहा, मुरलीगढ़, सोहरापुर जमुआरा, चमंडी, दामोदरपुर, गिलानीपर, बेलदारी विगहा, हरिहर खंधा, हरबंशपुर, कोनियापर, हसनपुर चिकसौरा, मिर्जापुर, मराची, लुच्चन टोला, फिरोजपुर, बाजीतपुर में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि पानी की तेज धारा ने घरों को घेर लिया है, और कई परिवार ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। उनकी फसलें डूब गईं, घरों में पानी भर गया और अब पशुओं के लिए चारा तक नहीं बचा है।

प्रशासन की ओर से राहत कार्य तो चलाए जा रहे हैं, लेकिन पीड़ितों की शिकायत है कि ये पर्याप्त नहीं हैं। सिर्फ तीन पंचायतों में तीन दिनों तक सूखा भोजन वितरित किया गया, जबकि भोजन और चारे की कमी से लोग परेशान हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं, और पानीजनित बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।

करायपरसुराय प्रखंड में स्थिति और भी विकट है। मकरौता पंचायत के सदरपुर गांव के पास महतवाइन नदी का करीब 30 फीट तटबंध टूट जाने से सदरपुर, मुशाढ़ी, फतेहपुर, कमरथू, खोखना, सबचक और बैरीगंज जैसे गांव पानी से घिरे हुए हैं। वहीं अब्बुपुर गांव के समीप वरगी अरहा कड़रुआ नदी में 40 फीट की खाड़ बन जाने से सैकड़ों एकड़ धान की फसल जलमग्न हो गई।

अब्बुपुर, चमटोली, अशियापर, जियनचक, खवाजपुर, चंदूटोला, महद्दीनगर, मेदनीचक, बाजीदपुर और बेरथू गांवों में बाढ़ का पानी अब भी फैला हुआ है। हालांकि कुछ गांवों जैसे अब्बुपुर, चमटोली, चंदुटोला और खवाजपुर में घरों से पानी कम हुआ है, लेकिन खेतों में अभी भी जलभराव है। पिछले छह दिनों से प्रखंड के छह पंचायतों के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं और किसानों की मेहनत पानी में बह गई है।

हिलसा नगर परिषद क्षेत्र में बाढ़ का असर अब शहर तक पहुंच गया है। सरदार पटेल कॉलेज और पशु अस्पताल जाने वाले रास्तों पर पानी बह रहा है, जिससे यातायात ठप हो गया है। मई गांव, अर्जुन टोला, ढिवरापर, दक्षिणी पटेल नगर, खोरमपुर, लोहरवा बिगहा, द्वारिका नगर और शिवनगर जैसे मोहल्लों में पानी घुस चुका है। न केवल घर प्रभावित हुए हैं, बल्कि सैकड़ों एकड़ फसलें भी डूब गईं। कुछ ऊंचे खेतों में किसानों ने धान की फसल को हल्के पानी से बाहर निकालकर थोड़ी राहत महसूस की है, लेकिन कुल मिलाकर नुकसान भारी है।

इस सबके बीच सबसे बड़ा खतरा हिलसा अनुमंडल के एसयू कॉलेज के जर्जर हॉस्टल पर मंडरा रहा है। कॉलेज का यह हॉस्टल वर्षों से मरम्मत की बाट जोह रहा है और अब बाढ़ के पानी ने इसकी नींव को और कमजोर कर दिया है। लोगों में में दहशत है कि कभी भी यह भवन ढह सकता है, जिससे बड़ा हादसा हो सकता है।

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