
राजगीर (नालंदा दर्पण)। भगवान बुद्ध की तपोभूमि राजगीर एक बार फिर इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में अपनी जगह बनाने जा रहा है। यह पावन धरोहर (Heritage) भूमि भारत और भूटान के बीच सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक एकता के नए प्रतीक का साक्षी बनेगी।
राजगीर के प्रसिद्ध वेणुवन विहार (जापानी बौद्ध मंदिर) के समीप दो एकड़ क्षेत्र में निर्मित भव्य भूटान बौद्ध मंदिर का उद्घाटन 4 सितंबर 2025 को होने जा रहा है। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व का केंद्र होगा, बल्कि भारत और भूटान के बीच मैत्री का एक अनुपम प्रतीक भी बनेगा।
दो मंजिला इस भव्य मंदिर का निर्माण भूटानी शिल्पकला और वास्तुकला की अनूठी छटा को दर्शाता है। मंदिर के दूसरे तल पर भगवान बुद्ध की 11 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है, जो शांति और करुणा का प्रतीक है। उनके दाएं और बाएं क्रमशः गुरु पद्मसंभव और झबढुंग की 9 फीट ऊंची प्रतिमाएं विराजमान हैं, जो मंदिर की आध्यात्मिक आभा को और भी पवित्र बनाती हैं।
मंदिर के आधार तल पर एक विशाल हॉल का निर्माण किया गया है, जहां धार्मिक प्रवचन, सामूहिक प्रार्थनाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। परिसर में एक आकर्षक लैंप हाउस, भूटानी शैली में निर्मित भव्य प्रवेश द्वार, और सुसज्जित उद्यान भी बनाए गए हैं, जो मंदिर की शोभा को दोगुना करते हैं।
मंदिर परिसर में तीर्थयात्रियों और लामा गुरुओं की सुविधा के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। 27 कमरों और 44 बेड वाले आवासीय भवन के साथ-साथ एक बड़ा हॉल भी बनाया गया है। ऊपरी मंजिल पर सात विशाल कमरे और चार रसोईघरों की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त अतिविशिष्ट अतिथियों के लिए दो मंजिला गेस्ट हाउस में सात शानदार सुइट्स का निर्माण किया गया है।
मंदिर के प्रमुख लामा लेकि खंडो ने बताया कि उद्घाटन समारोह 4 सितंबर 2025 को भव्य रूप से आयोजित होगा। सुबह 4 बजे से भूटानी परंपराओं के अनुसार पूजा-अर्चना का कार्यक्रम शुरू होगा, जिसके बाद सुबह 10 बजे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भूटान के प्रधानमंत्री संयुक्त रूप से मंदिर और परिसर का उद्घाटन करेंगे। इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत और भूटान के अनेक विशिष्ट अतिथि और एक हजार से अधिक भूटानी लामा उपस्थित रहेंगे।
भूटान के प्रधानमंत्री 3 सितंबर को ही राजगीर पहुंच जाएंगे और उद्घाटन समारोह के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठानों में भी हिस्सा लेंगे। समारोह की शोभा को बढ़ाने के लिए मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी और भूटानी शिल्पकला से सजाया जा रहा है। परिसर के मध्य भारत और भूटान के राष्ट्रीय ध्वजों के बीच भूटानी बौद्ध धर्म का झंडा फहराया जाएगा, जो इस मैत्री के प्रतीक को और भी विशेष बनाएगा।
यह मंदिर न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का केंद्र है, बल्कि भारत-भूटान के राजनयिक संबंधों को भी मजबूत करेगा। भूटान वाणिज्य काउंसलेट कोलकाता के अधिकारियों ने भी इस आयोजन की तैयारियों में सक्रिय भागीदारी की है। उनकी उपस्थिति और सहयोग इस आयोजन को और भी भव्य बनाने में सहायक होगा।
बेशक भूटान बौद्ध मंदिर का निर्माण राजगीर को वैश्विक बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में और सशक्त बनाएगा। यह मंदिर भगवान बुद्ध के अनुयायियों के लिए एक नया आध्यात्मिक केंद्र बनेगा, जहां शांति, करुणा और मैत्री का संदेश गूंजेगा। उद्घाटन समारोह के साथ ही यह मंदिर विश्व भर के तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनने को तैयार है।









