नालंदा दर्पण डेस्क। नालंदा जिले के गांव कस्बे से लेकर जिला मुख्यालय के बाजारों में भगवान शंकर और मां पार्वती की आराधना कर पति की लंबी उम्र के लिए रखे जाने वाले हरितालिका तीज के व्रत के सुअवसर पर सुहागिनों ने भगवान शिव औऱ माता पार्वती की पूजा अर्चना कर अपने अपने पतियों के लिए लम्बी उम्र का सुहागिनो ने वर मांगा।
तीज व्रत को लेकर गुरुवार के दिन जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार से लेकर ग्रामीण इलाकों के बाजार में खरीदारी को लेकर महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई। बड़ी संख्या में महिलाओं ने तीज पर्व को लेकर रंग बिरंगी साड़ियां एवं श्रृंगार के सामानों की खरीदारी की।
तीज पर्व को लेकर जिले का बाजार गुलजार रहा तथा आर्थिक मंदी से जूझ रहे दुकानदारों को बड़ी राहत मिली। खासकर श्रृंगार, आभूषण, कपड़े, फल एवं मिठाई के दुकानदारों के लिए कोरोना काल के बाद चांदी रही।
हालांकि यह बात और है कि बाजार में नाना प्रकार के सामग्री की खरीदारी करने वाली मां बहनों ने सोशल डिस्टेंस का पालन नही किया और न ही किन्ही के चेहरे पर मास्क ही नजर आए।
बताते चलें कि विश्व के लगभग सभी देश जो कोरोना जैसी वैश्विक बीमारी को पिछले कई महीनों से झेल रहा है।इसी को मद्देनजर सरकार के द्वारा गाइडलाइंस जारी किया गया है कि दो गज दूरी मास्क है जरूरी।उस सरकारी आदेश की पर्व के नाम पर खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई।
क्यों किया जाता है हरितालिका तीजः इस व्रत के बारे मे जब तीनी लोदीपुर गांव निवासी ज्योतिष विद्या के जानकार ज्योतिषाचार्य आलोक नाथ पांडये ने इस व्रत की महत्ता को बताते हुए कहा कि हर साल यह त्योहार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है।
यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं के लिए है।इसी दिन मां पार्वती के सखियों जया और विजया ने उनका हरण कर वन में ले गई।उसी दिन से नाम पीडीए हरितालिका और उसी वन में भगवान शिव को अपने जीवन साथी के रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की।
जबकि मा पार्वती का विवाह उनके पिता राजा हिमांचल ने भगवान विष्णु से तय कर चुके थे, लेकिन माँ पार्वती भगवान शिव को अपने अंतरात्मा से पति मान चुकी थी।
परिणामस्वरूप खुद भगवान शिव को माता पार्वती के समक्ष आश्वासन देना पड़ा कि हे देवी मैं आपको अपनी जीवन संगनी के रुप स्वीकार करता हूं। इस दिन से महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं।
इस व्रत में महिलाएं माता गौरी व देवादिदेव महादेव का पूजा अर्चना कर सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मांगती हैं। इसलिए विवाहित महिलाओं के लिए यह व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
महिलाएं दिनभर निर्जला उपवास कर रात को पूरे विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर रही हैं और अपने पति व परिवार के सुख शांति की कामना मां पार्वती और भगवान शिव से कर रहीं हैं।
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हरितालिका तीज व्रतः बाजारों में खरीदारी की उमड़ी भीड़, जानिए महत्व