बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बढ़ती गर्मी के साथ एनर्जी ड्रिंक्स के बाजार में इसकी डिमांड बढ़ने लगी है। सच पुछिए तो युवाओं में तेजी से एनर्जी ड्रिंक्स पीने की लत बढ़ रही है। बहुत से एनर्जी ड्रिंक्स के नाम पर खुलेआम नशा युक्त पेयपदार्थ भी बाजार में उपलब्ध है।
फिर भी बच्चों से लेकर युवाओं के हाथों में सहजता से उपलब्ध होने वाली एनर्जी ड्रिंक्स असली-नकली, स्वास्थ्यवर्धक स्वास्थ्यनाशक या नशायुक्त है कि नहीं इसकी जांच की व्यवस्था नहीं है।
एनर्जी ड्रिंक्स की आदत से युवा से लेकर बच्चों में डिहाइड्रेशन व नींद न आने की शिकायत मिलने लगी है। बावजूद उत्पाद विभाग से लेकर फूड सेफ्टी डिपाटमेंट बिकने वाले एनर्जी ड्रिंक्स की सैंपल लेना भी उचित नहीं समझ रहे हैं।
युवाओं व बच्चों में गत तीन से चार वर्षों में एक खास तरह के एनर्जी ड्रिंक्स पीने का चलन बढ़ा है। यह आदत बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक सिद्ध होते जा रहा है। एनर्जी ड्रिंक्स की बोतल पर अकित चेतावनी में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अधिक सेवन नहीं करने की बात कही गयी है।
बावजूद दुकानदार सहजता से ग्राहकों को उपलब्ध करा रहे हैं। प्रशासनिक अनदेखी और लोगों में जागरूकता के अभाव के कारण खुलेआम एनर्जी ड्रिंक्स के नाम पर नशा युक्त पेयपदार्थ शहर से लेकर गांव-गांव में बेचे जा रहे हैं। कई अलग- अलग नाम और ब्रांड के एनर्जी ड्रिंक्स बिक रहे हैं, लाल, हरे, पीले, गुलाबी, बैंगनी जैसे दर्जनों रंग-बिरंगे और विभिन्न फलों के स्वाद वाले एनर्जी ड्रिंक्स 10 से 20 रुपये मिलते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार सस्ते और आसानी से मिलने वाले एनर्जी ड्रिंक्स में घातक एनर्जी ड्रिंक्स के बदले ये करें उपयोग नारियल पानी, मिल्कशेक, स्मूदी, नींबू पानी, हिबिस्कस ड्रिंक, ब्लू फ्लावर ड्रिंक, लस्सी, दली, मट्टा, सत्तू, सौफ शीतल पेय, गन्ना रस, अनाज जूस, लीची, केला आदि फलों का जूस का उपयोग एनर्जी ड्रिंक्स के बदले किया जा सकता है।
केमिकल, सिंथेटिक रंग, कार्सिनोजेन से लेकर कैफीन जैसे घातक तत्व का उपयोग किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकता है। इसमें चीनी, कैफीन, केमिकल और सिंथेटिक रंग अधिक होने के कारण पेनक्रियाज की सिस्टम खराब कर देता है। हालांकि विज्ञापन में ड्रिंक्स को अलर्टनेस (सतर्कता) और एनर्जी लेवल (ऊर्जा के स्तर) बढ़ाने के तौर पर प्रचारित किया जाता है, जिससे युवा व बच्चे भ्रमित हो रहे हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि एनर्जी ड्रिंक्स का स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसकी अधिक सेवन से मेंटल हेल्थ खराब हो सकता है। कार्डियोवैस्कुलर और मेटाबॉलेज्म प्रभावित हो सकता है। इसमें मौजूद कैफीन की ज्यादा मात्रा, हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप और हर्बल स्टीमुलेंट के साथ एडेड शुगर बच्चों को उनके शरीर के छोटे आकार के कारण ज्यादा प्रभावित करता है।
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