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बुक पेपर घोटाला पर केके पाठक के तेवर हुए तल्ख, सभी जिले में बनाई जांच कमिटी

नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार में 71 हजार प्रारंभिक विद्यालयों में पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को निःशुल्क उपलब्ध कराई गई किताबों के कागज में गड़बड़ी मिली है। यह शिकायत हर जिले से सामने आई है।

इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक कागज की गुणवत्ता की जांच करने का आदेश अफसरों को दिया है। जांच सप्ताहभर में पूरी करनी है। इसके लिए विभाग ने हर जिले के लिए अफसरों की जांच कमेटी बनाई है।

जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग द्वारा जवाबदेह एजेंसी पर कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सभी 38 जिलों में आपूर्ति व वितरण किए गए पाठ्य-पुस्तकों के नमूने मंगवाए गए हैं। प्रत्येक कक्षा में पाठ्य-पुस्तकों के कागज की गुणवत्ता की जांच होगी।

बिहार राज्य पाठ्यपुस्तक प्रकाशन निगम के प्रबंध निदेशक सन्नी सिन्हा को भागलपुर जिले में किताबों के कागज की गुणवत्ता की जांच की जिम्मेवारी दी गई है।

शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव को मधुबनी, विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा को समस्तीपुर, उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी को रोहतास, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव को अररिया, प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्रा को कैमूर, अपर सचिव संजय कुमार को गोपालगंज, निदेशक (प्रशासन) एवं अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी को मुजफ्फरपुर, जन शिक्षा निदेशक अनिल कुमार को पश्चिम चंपारण, अपर सचिव सुनील कुमार को सिवान, उपनिदेशक (प्रशासन) जावेद अहसन अंसारी को खगड़िया, उप सचिव शाहजहां को बांका एवं अन्य पदाधिकारियों को कागज की गुणवत्ता की जांच के लिए लगाया गया है।

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