राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार पुलिस अकादमी राजगीर में 2020 बैच के प्रशिक्षु पुलिस अवर निरीक्षकों के दीक्षांत परेड समारोह का आयोजन किया गया। इसके साथ ही सूबे को 1903 प्रशिक्षु एसआइ मिल गये हैं, जिनमें 1201 पुरुष व 702 महिला प्रशिक्षु एसआई शामिल हैं। वहीं प्रशिक्षु पुलिस अवर निरीक्षकों में 122 बीटेक, छह लॉ ग्रेजुएट, छह बीबीए, छह बीसीए के अलावे 216 स्नातकोत्तर डिग्री होल्डर हैं।
इस दौरान समारोह के मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी ने कहा कि एक जुलाई से बिहार की पुलिसिंग बदल जायेगी। सूबे में नया कानून एक जुलाई से लागू हो जायेगा। इसके तहत टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से अनुसंधान एवं विचारण का क्रियान्वयन ज्यादा वैज्ञानिक तरीके से हो सकेगा।
पुलिस महानिदेशक ने डिजिटल पुलिसिंग के महत्व पर कहा कि नये-नये तरह के अपराध हो रहे हैं। इसके नियंत्रण के लिए डिजिटल माध्यमों के प्रयोग एवं अनुसंधान तकनीक की आवश्यकता है।
बिहार पुलिस अकादमी की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत के अच्छे ट्रेनिंग सेंटर के रूप में स्थापित हो रहा है।
पुलिस महानिदेशक ने डिजिटल पुलिसिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अपराध एवं अनुसंधान की प्रकृति तेजी से बदल रही है। नये तरह के अपराध का इजाद हो रहा है। इसके नियंत्रण के लिए डिजिटल माध्यमों के प्रयोग एवं अनुसंधान तकनीक की आवश्यकता है। उन तकनीक की बुनियादी शिक्षा आप सबों को प्रशिक्षण के दौरान दी गयी है।
पुलिस महानिदेशक ने 2020 बैच के प्रशिक्षु पीएसआई को बधाई देते हुए कहा कि बुनियादी प्रशिक्षण आप सबों का समाप्त हो गया है। अब प्रैक्टिकल प्रशिक्षण शुरू होना है। एक साल तक थानों में रहकर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग ईमानदारी से करनी है। आप सबों ने कभी शपथ ली है। उसका ईमानदारी से अनुपालन करेंगे।
उन्होंने कहा कि ईमानदारी के बिना न्याय और पुलिसिंग संभव नहीं है। उन्होंने प्रशिक्षु पुलिस अवर में निरीक्षकों को अनुशासन में रहकर कठिन परिश्रम करने की नसीहत दी।
न्याय प्रहरी के रूप में काम करने के लिए प्रेरित करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि जहां उनकी पोस्टिंग होती है वहां मुस्तादी से कम करें। अच्छे थाने की पोस्टिंग के चक्कर कर्तव्य में कमजोरी हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि एक जुलाई से पूरी तरह पुलिसिंग बदल जाएगी। नए कानून के परिवर्तन में सभी प्रशिक्षु पीएसआई की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर बिहार पुलिस अकादमी के निदेशक एडीजी भृगु श्रीनिवासन द्वारा प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया। पीएसआई के हौसले को बढ़ाते हुए उन्होंने ईमानदारी और निष्ठा पूर्वक कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने बताया कि महिला प्रशिक्षु पीएसआई को स्कूटी चलाने की ट्रेनिंग दी गई है। अकादमी को 46 लैपटॉप 11 अश्व एवं अन्य संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।
इस अवसर पर उपनिदेशक सह प्राचार्य डीआईजी अरविंद कुमार गुप्ता द्वारा प्रशिक्षुओं को पद एवं निष्ठा की शपथ दिलाई गई। दीक्षांत समारोह उपरांत रंगारंग संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
पुलिस अधीक्षक सह सहायक निदेशक (प्रशिक्षण) सुशील कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। वहीं उपनिदेशक सह प्राचार्य डीआइजी अरविंद कुमार गुप्ता ने प्रशिक्षुओं को पद एवं निष्ठा की शपथ दिलायी।
इस कार्यक्रम में आयुध निर्माणी के लेफ्टिनेंट कर्नल अनुपम शर्मा, सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर के पदाधिकारी, एसपी अशोक मिश्रा एवं अन्य गण्यमन अतिथियों के अलावे प्रशिक्षु पीएसआई के अभिभावक व परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।
इस अवसर पर प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को पुलिस महानिदेशक द्वारा अवार्ड दिया गया। प्रशिक्ष पीएसआई नीरज कुमार को सर्वश्रेष्ठ प्रोवेशनर (ओवरऑल) के लिए मुख्यमंत्री का पिस्टल, वाह्य विषय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रशिक्षु पीएसआई अनंत कुमार को पुलिस महानिदेशक का रैतिक तलवार, अंतः विषय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रशिक्षु पीएसआई राहुल राय को पुलिस महानिदेशक का रैतिक बैटन तथा सर्वश्रेष्ठ परेड कमांडर के लिए हर्ष कुमार को निदेशक ट्रॉफी अवार्ड दिया गया।
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