Home शिक्षा नालंदा के इन 2 स्कूलों में होगी अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना

नालंदा के इन 2 स्कूलों में होगी अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना

Atal Tinkering Lab will be established in these 2 schools of Nalanda
Atal Tinkering Lab will be established in these 2 schools of Nalanda

हिलसा (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के दो सरकारी स्कूलों- हाई स्कूल बकौर इसलामपुर और आरडीएच प्लस टू हाई स्कूल में अटल इनोवेशन मिशन के तहत अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) की स्थापना होने जा रही है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना और नवाचार के क्षेत्र में उनकी रुचि को बढ़ावा देना है। यह योजना न केवल बच्चों में जिज्ञासा और रचनात्मकता को जागृत करेगी, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीकों से जोड़कर भविष्य के लिए तैयार करेगी। 

बता दें कि अटल टिंकरिंग लैब की शुरुआत 2016 में नीति आयोग द्वारा की गई थी, जिसका लक्ष्य स्कूली बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचार की भावना को विकसित करना था। नालंदा जिले में पहले से ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस हाई स्कूल में तीन साल पहले एक एटीएल लैब स्थापित की जा चुकी है। अब दो और स्कूलों में इन प्रयोगशालाओं की स्थापना से जिले में इस तरह की सुविधाओं की संख्या बढ़कर तीन हो जाएगी। इन लैब्स के जरिए छात्रों को कोडिंग, रोबोटिक्स और अन्य तकनीकी गतिविधियों के लिए विशेष प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।

राज्य परियोजना निदेशक योगेंद्र सिंह के अनुसार बिहार के 76 सरकारी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एटीएल लैब और रोबोटिक्स की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना के लिए टीसीआईएल एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रत्येक लैब के निर्माण पर कुल 20 लाख रुपये खर्च होंगे। जिसमें से 10 लाख रुपये प्रयोगशाला के निर्माण और बुनियादी ढांचे पर, जबकि शेष 10 लाख रुपये अगले पांच साल तक इसके संचालन के लिए आवंटित किए जाएंगे। लैब के लिए उन स्कूलों का चयन किया गया है, जहां 400 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ते हों, विज्ञान और कंप्यूटर लैब की सुविधा हो, इंटरनेट उपलब्ध हो और 1200 से 1500 वर्ग फीट की जगह मौजूद हो।

छात्रों के लिए क्या होगा खास? अटल टिंकरिंग लैब छात्रों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने का एक अनूठा मंच प्रदान करेगी। यहां थ्री-डी प्रिंटर, रोबोटिक्स किट और अन्य अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से बच्चे अपने विचारों को मूर्त रूप दे सकेंगे। इन लैब्स में छात्रों को डिजाइन मानसिकता, कम्प्यूटेशनल सोच, अनुकूल शिक्षा और भौतिक कंप्यूटिंग जैसे कौशल सिखाए जाएंगे। साथ ही उन्हें इन उपकरणों के संचालन के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

इससे छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों की जानकारी मिलेगी। बच्चे अपने विचारों पर आधारित प्रोजेक्ट तैयार कर सकेंगे। जिससे उनकी क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स मजबूत होंगी। नई तकनीकों से परिचय के साथ छात्रों के लिए नवाचार के दरवाजे खुलेंगे। यह लैब छात्रों को स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित करेगी।

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